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सोमवार, 25 सितंबर 2023

अव्यवस्था की चक्की में पिस रहे क्रमोन्नति के मारे 20 हजार से ज्यादा अधिशेष शिक्षक

 

अव्यवस्था की चक्की में पिस रहे क्रमोन्नति के मारे 20 हजार से ज्यादा अधिशेष शिक्षक

  • क्रमोन्नति तथा संकाय खोलने से सरकार को तो मिल रही वाहवाही, तनाव में हैं गुरुजी
  • महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम तथा क्रमोन्नति की वजह से ठाले बैठे शिक्षकों का मामला


बीकानेर. प्रदेश में सामान्य स्कूलों को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में रूपांतरित करने और माध्यमिक स्कूलों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करने से तकरीबन 20 हजार शिक्षक अधिशेष हो गए हैं। फिलहाल यह शिक्षक शिक्षा विभाग के कार्यालयों और कार्य व्यवस्था के नाम पर इधर-उधर स्कूलों में लगे हुए हैं। इनका नियमित वेतन भी उठ रहा है, लेकिन स्थाई पदस्थापन नहीं मिलने से यह शिक्षक तनाव में हैं।


दूसरी ओर, नई भर्तियों में रिक्त पद भरे जा रहे हैं, जो इन अधिशेष शिक्षकों की चिंता को और बढ़ा रहे हैं। इन सबके बीच शिक्षक उपलब्ध होने के बावजूद स्कूलों में पदों के रिक्त रहने से विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। नवंबर में दीपावली पर मध्यावधि अवकाश हो जाएंगे। इसके बाद दिसंबर में अद्धवार्षिक परीक्षा होनी है। ऐसे में रिक्त पदों वाले सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा होने में संदेह है, जिससे परीक्षा परिणाम पर विपरीत असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है।


प्रदेश के अनेक जिलों में हिंदी से अंग्रेजी माध्यम में और प्राथमिक से उच्च प्राथमिक और उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर पर स्कूलों को रूपांतरित और क्रमोन्नत किया गया है। सरकार के इस फैसले ने लगभग 20 हजार से अधिक शिक्षकों को अधिशेष कर दिया है।


स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए तीन माह हो गए हैं, जबकि इससे पहले से ही शिक्षक अधिशेष हो चुके हैं। अब भी प्रदेश में स्कूलों को क्रमोन्नत तथा हिंदी से अंग्रेजी में रूपांतरित करने का क्रम जारी है, जो संभवत: चुनाव आचार संहिता लगने तक जारी रहेगा। ऐसे में अधिशेष शिक्षकों की संख्या और बढ़ने के आसार हैं।


इसलिए दिनों-दिन बढ़ रही है अधिशेष शिक्षकों की संख्या


राज्य में अब तक 3700 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा चुके हैं। इनमें अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही महत्व दिया जा रहा है। चुनावी साल होने के कारण सरकार ने बड़ी संख्या में स्कूलों को क्रमोन्नत भी किया है। ऐसे में स्कूलों में पहले से कार्यरत शिक्षक अधिशेष होते जा रहे हैं। इनमें दिव्यांग, विधवा,परित्यक्ता, कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षक भी शामिल हैं। राज्य में उच्च प्राथमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत करने से अधिशेष शिक्षकों की संख्या भी दिनों दिन बढ़ रही है।


तनाव का कारणयह भी...


अधिशेष शिक्षकों को पिछले 9 माह से वेतन तो दिया जा रहा है, लेकिन उनके पास कोई काम नहीं है। अब इन शिक्षकों के सामने यह परेशानी पैदा हो रही है कि नई भर्ती के शिक्षकों की नियुक्ति एवं पदस्थापन कर दिया, तो उनके वेतन की व्यवस्था में कहीं दिक्कत न आ जाए। अभी तो यह जिन स्कूलों में कार्यरत थे, वहां से वेतन उठ रहा था। नई नियुक्तियां होने के बाद अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन के लिए नजदीक में किसी स्कूल में पद रिक्त नहीं रहेगा, क्योंकि काउंसलिंग के दौरान पद रिक्त देख कर अभ्यर्थी विकल्प चुन लेता है। इस प्रक्रिया से सौ किलोमीटर तक किसी स्कूल में उनके लिए स्थान भी रिक्त नहीं रहेगा।


...तो और इंतजार करना पड़ सकता है


राज्य में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में अधिशेष शिक्षकों को भय सता रहा है कि यदि पदस्थापन नहीं किया गया, तो आचार संहिता के चलते कई महीने और इंतजार करना पड़ेगा। इन 20 हजार शिक्षकों में अधिकांश शिक्षक वह हैं, जो लम्बे समय तक ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत रहे हैं।



डीपीसी के बाद करेंगे पदस्थापन


इस समय शिक्षकों की काउंसलिंग चल रही है। इससे रिक्त पदों को भरा जा रहा है। इसके बाद डीपीसी भी कराई जाएगी। डीपीसी तथा नई नियुक्ति के बाद किन-किन स्कूलों में पद रिक्त होते हैं। इस आधार पर फिर अधिशेष शिक्षकों का पदस्थापन किया जाएगा। लेकिन वेतन को लेकर अधिशेष शिक्षकों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। -कानाराम, शिक्षा निदेशक बीकानेर


यह चिंताजनक है


शिक्षा मंत्री को कई बार ज्ञापन देकर अधिशेष शिक्षकों को पदस्थापन देने की मांग कर चुके हैं। इस समय चल रही काउंसलिंग से रिक्त पदों को भरा जा रहा है। फिर अधिशेष शिक्षकों का पदस्थापन सौ किलोमीटर दूर ही होगा। साथ ही वेतन व्यवस्था को लेकर भी तनाव में हैं। वर्ष 2016 में ऐसी समस्या आने पर अधिशेष शिक्षकों का समायोजन शीघ्र कर दिया गया था, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग महीनों से निर्णय नहीं कर पा रहा है, यह चिंताजनक है।- किशोर पुरोहित, अध्यक्ष शिक्षक संघ भगतसिंह


फैक्ट फाइल

20 हजार के करीब हैं अधिशेष शिक्षक

3700 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में रूपांतरित

09 माह से वेतन तो उठ रहा, लेकिन पदस्थापन नहीं

1800 उच्च प्राथमिक स्कूल सीनियर सैकंडरी स्कूल में क्रमोन्नत।

3834 सैकंडरी स्कूल सीनियर सैकंडरी स्कूल में क्रमोन्नत।

2900 प्राथमिक स्कूल उच्च प्राथमिक स्कूलों में क्रमोन्नत।

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