संस्कृत लेवल-2 विशेष शिक्षक (एचआई) का मामला: सरकारी लापरवाही से जिले के चार अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में चयनितों से अधिक कट ऑफ, फिर भी अंतिम सूची में नाम नहीं
दौसा. दिन-रात पढ़ाई कर परीक्षा पास की, लेकिन फिर भी सरकारी स्तर पर हुई लापरवाही से जिले के चार अभ्यर्थियों का भविष्य नौकरी नहीं मिलने से अधर में लटक गया है। जानकारी के अनुसार राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने संस्कृत लेवल-2 विशेष शिक्षक (एचआई) की अंतिम चयन सूची व प्रोविजनल सूची जारी की है। इस सूची में पात्र अभ्यर्थियों से अधिक कट ऑफ होने के बावजूद जिले के चार अभ्यर्थियों का नाम सूची में नहीं है। इन अभ्यर्थियों ने कर्मचारी चयन बोर्ड का दरवाजा खटखटाया तो वहां से जवाब मिला कि उनके पास इन चारों का शिक्षा निदेशालय से डेटा उपलब्ध नहीं हुआ है।
निदेशालय में बात की तो वहां किसी भी अभ्यर्थी का डेटा बकाया नहीं होने की बात कहकर टाल दिया गया। चूंकि अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन दौसा में हुआ था तो यहां के शिक्षा अधिकारी ने सत्यापन के बाद सूचना निदेशालय भेजने की बात कह दी। अब अभ्यर्थी उलझ गए हैं कि जब सभी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं तो फिर दस्तावेज सत्यापन के बावजूद उनका डेटा कहां चला गया। सरकारी स्तर पर हुई इस लापरवाही के चलते चारों का नाम अंतिम चयन सूची में नहीं आया और चयनितों को जिला भी अलॉट कर दिया गया है। ऐसे में ये चार अभ्यर्थी हाथ में आई सरकारी नौकरी फिसलती देख खासे चिंतित हैं।
कट ऑफ 125, अभ्यर्थी के नंबर 199: प्रदेश में संस्कृत लेवल-2 विशेष शिक्षक (एचआई) के लिए कुल 33 सीट पर 66 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। 31 जुलाई को दौसा में पात्र अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन हुआ। अंतिम चयन सूची में कट ऑफ 125.9307 है। वहीं दौसा के नरेश कुमार शर्मा की कट ऑफ 199.423, अरविंद कुमार शर्मा की 148.0435, मीनाक्षी कुमारी शर्मा 174.0159 तथा अनुराधा शर्मा की 210.0568 है। इन चारों का नाम ना तो अंतिम चयन सूची में है और ना ही प्रोविजनल सूची में है।
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