राज्य के 3600 महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों में चयन परीक्षा परिणाम के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं , दक्षता परीक्षा में सफल 15 हजार शिक्षकों को अब तक है पदस्थापन का इंतजार
बीकानेर राज्य में शुरू किए गए करीब 3 हजार 600 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रवेश तो दिया जा रहा है, लेकिन इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण कराने वाले तृतीय श्रेणी शिक्षकों से लेकर प्रधानाचार्यों तक का अभाव है। वर्तमान सत्र को शुरू हुए करीब 4 माह हो गए हैं, लेकिन इन स्कूलों में शिक्षकों के सभी पद भरे नहीं जा सके हैं।हालांकि सरकार और विभाग इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कभी साक्षात्कार लेकर, तो कभी लिखित परीक्षा आयोजित कर योग्य शिक्षकों को लगाने का उपक्रम कर रही है, लेकिन अंतिम परिणाम नजर नहीं आ रहा है। इससे अंग्रेजी माध्यम में अध्ययनरत विद्यार्थियों की गुणवत्तायुक्त शिक्षा की राह में बाधा पड़ती दिखाई दे रही है। स्थिति यह है कि स्कूलों में प्रथम परख आयोजित हो चुकी है, फिर भी इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
...तो शुरू हो सकता है शिक्षण कार्य
दक्षता परीक्षा में राज्य भर के करीब 15 हजार 128 शिक्षकों को सफल घोषित किया जा चुका है। इन सभी को पदस्थापन का इंतजार करना पड़ रहा है। इसमें प्रधानाचार्य से लेकर व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम तथा द्वितीय के शिक्षक शामिल हैं। अगर इन सफल संस्था प्रधानों, व्याख्याताओं, वरिष्ठ अध्यापकों तथा शिक्षकों को परिणाम घोषित करने के साथ ही लगा दिया गया होता, तो राज्य भर के महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों में रिक्त इतने पदों पर तो शिक्षण शुरू हो सकता था।
शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष हरपाल दादरवाल तथा मीडिया प्रभारी श्याम जांगू ने बताया कि यदि सरकार की ओर से एक सप्ताह में दक्षता परीक्षा में सफल शिक्षकों को महात्मा गांधी स्कूलों में नहीं लगाया जाता है, तो महासंघ की ओर से शिक्षा निदेशालय का घेराव कर आंदोलन किया जाएगा।
विभागीय तर्क... प्रक्रिया चल रही है
विभाग के अधिकारियों की बात करें, तो उनका कहना है कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षक तथा संस्था प्रधान लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इन स्कूलों के लिए जिन प्रधानाचार्यों ने आवेदन किया था तथा जो सफल घोषित हुए हैं, उनसे विकल्प ले लिए गए हैं। जल्दी ही उनके पदस्थापन किए जाएंगे। इसी तरह वरिष्ठ अध्यापकों तथा शिक्षकों के पदस्थापन के लिए प्रक्रिया चल रही है, उसे भी जल्दी पूरा किया जाएगा।
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