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शनिवार, 9 सितंबर 2023

52 हजार शिक्षकों की पदोन्नति दो वर्ष से नियमों के संशोधन में अटकी, आचार संहिता से पहले केबिनेट बैठक हुई तो डीपीसी संभव



 52 हजार शिक्षकों की पदोन्नति दो वर्ष से नियमों के संशोधन में अटकी, आचार संहिता से पहले केबिनेट बैठक हुई तो डीपीसी संभव

अध्यापक से लेकर प्रधानाचार्य तक के विभिन्न संवर्गों में डीपीसी के 57 हजार के करीब पद रिक्त हैं। शिक्षक संघों के पदाधिकारियों के अनुसार यदि कैबिनेट से सेवा नियमों में शिथिलता की फाइल पर मंजूरी मिले तो 57 हजार पदों की डीपीसी हो सकती है। अगले महीने आचार संहिता लगना संभावित है। सभी संवर्गों की विभागीय पदोन्नति को लेकर सेवा नियम में संशोधन को लेकर फाइल 8 माह से पेंडिंग है। 


संगठन द्वारा शिक्षा मंत्री से मांग की गई कि आचार संहिता से पहले विभागीय पदोन्नतियां की जाए ताकि विद्यार्थियों को राहत मिल सके। यदि डीपीसी सेवा नियम संशोधन की फाइल रखी जाती है तो कैबिनेट की मोहर लगते ही तीन सालों से अटकी शिक्षकों की पदोन्नतियों की राह खुल सकती है। अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक व वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी तीन सत्र से बकाया चल रही है। विभिन्न संवर्गों में प्रति वर्ष होने वाली वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता की डीपीसी तीन सत्र से लंबित है। नए सेवा नियम बनने के बाद एक बार भी डीपीसी नहीं हुई है।


नए सेवा नियमों के कारण अटकी डीपीसी : सेवा नियम लागू होने की 3 अगस्त 2021 से पूर्व डिग्री कर चुके वरिष्ठ अध्यापकों को पात्र मानते हुए सेवा नियमों में संशोधन का प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। संशोधन संबंधी फाइल सभी स्टेप से होते हुए वर्तमान में अंतिम स्टेज कैबिनेट पर पेंडिंग हैं। 13 सितंबर को होने वाली कैबिनेट में मंजूरी मिलती है, तो इसी महीने बकाया सभी पदोन्नतियां हो सकती हैं। अन्यथा अगले महीने आचार संहिता लग जाएगी। इससे पदोन्नतियां फिर से दो साल के लिए टल सकती है।


कृषि स्नातकोत्तर में हिंदी के सभी कृषि विषय शामिल हैं लेकिन अंग्रेजी में एक एग्रोनॉमी को शामिल किया गया। वहीं विशेष शिक्षा व वाणिज्य संकाय के व्याख्याताओं के लिए नियम संशोधन होना है।


डीपीसी से बदलेगी रिक्त पदों की स्थिति

डीपीसी होने पर रिक्त पदों की परेशानी खत्म हो जाएगी। इसमें 5588 उप-प्राचार्य प्राचार्य बन जाएंगे। प्रदेश में 17 हजार प्राचार्य होंगे। पदोन्नति संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया कि प्रदेश के 7000 व्याख्याताओं के उप प्राचार्य बन जाने पर 15 हजार उप प्राचार्य होंगे। 20 हजार वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता पद पर पदोन्नत हो जाएंगे।


इन 3 नियमों में संशोधन के बाद ही होगी पदोन्नति

» वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता में यूजी व पीजी में समान विषय की बाध्यता को लेकर संशोधन होना है। इसमें 3 अक्टूबर 2021 से पहले के डिग्रीधारी वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नतियों में शामिल करेंगे।


» फरवरी में 10098 व्याख्याताओं को उप प्राचार्य बनाया था लेकिन कोर्ट स्टे से काउंसलिंग नहीं हुई, ऐसे में उन्हें उन्हीं स्कूल में पदस्थापित कर दिया। इन्हें अनुभव में रियायत देने का प्रस्ताव है


मा. शिक्षा में पदों की वर्तमान स्थिति


पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त


प्रधानाचार्य 17078 11490 5588


उप प्रधानाचार्य 12472 572 11900


व्याख्याता 54277 38193 16084


वरिष्ठ अध्या. 80821 56910 23912


अध्यापक 98500 67600 30900


शा. शिक्षक 15500 10200 5300


बेसि.क.अ. 9862 5212 4650


चतुर्थ श्रेणी 26818 6186 20632


योग 315328 196363 118965


शाला दर्पण पर अभी तक 12 हजार पद रिक्त बता रहे, पदोन्नति बकाया

पिछले सत्र में व्याख्याता से वाइस प्रिंंसिपल की 10 हजार पदोन्नतियां हुई थीं। बोर्ड परीक्षा के कारण उन्होंने जिस विद्यालय में थे उसी में कार्यग्रहण कर लिया था। पिछले सत्र में पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल का कार्यग्रहण अभी तक व्याख्याता पद पर ही होने से विभागीय शाला दर्पण पर अभी तक इनके 12 हजार पद रिक्त बता रहे हैं। इस सत्र की वाइस प्रिंसिपल की पदोन्नति बकाया है। प्रिंसिपल पदोन्नति होती है तो ही इनकी पदोन्नति हो पाएगी। वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल पदोन्नति में अनुभव में शिथिलता का प्रस्ताव भी इस फाइल में साथ है।


फैक्ट फाइल


{अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक : 20000


{ वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता : 20000


{ व्याख्याता से उप प्राचार्य : 10000


{ वाइस प्रिंसिपल से प्रधानाचार्य : 7000


{ कुल पदों की डीपीसी बकाया : 57000


पिछले 3 सत्र से लम्बित शिक्षक पदोन्नतियों बकाया रहेगी

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