ये कैसी पढ़ाई... एसबीके स्कूल के एक कमरे मेंचल रहीं 7 कक्षाएं, एक साथ पढ़ रहीं 92 छात्राएं
स्कूल में 63 लाख रुपए की लागत से बनेंगे 6 कमरे
भरतपुर। एसबीके स्कूल के लिए नए बिल्डिंग के निर्माण कार्य का शिलान्यास गत 11 सितंबर को राज्यमंत्री सुभाष गर्ग द्वारा किया गया। जिसे बनाने के लिए 63 लाख रुपए स्वीकृत हुई है। जिसमेंबरामदा सहित 6 कमरे बनाए जाएंगे। मंत्री गर्ग ने 4 और कमरों की स्वीकृति प्रदान की है।
यानीअब कुल 10 कमरे बनाए जाएंगे। प्राचार्य तृप्ति सिंघल ने बताया कि बिल्डिंग बनने में 9 महीनेलग जाएंगे। बिल्डिंग्स को पिछले सत्र में 1 सितंबर को गिरा दिया गया। जिसे बनाने के लिएस्वीकृति मिलने में एक साल लग गया। वहीं अब इसे बनने में भी 9 महीने लग जाएंगे। 9 महीनेबाद यानी अब अगले सत्र में ही इस समस्या से निजात मिल पाएगी।
बिल्डिंग का शिलान्यास होचुका है : प्राचार्य
^विद्यालय में बिल्डिंग की समस्या है।जिसके कारण एक ही कमरे में 7कक्षाएं लगाई जा रही है। बिल्डिंग काशिलान्यास हो चुका है। जब तक पूर्णनहीं हो जाता तब तक यह समस्याबनी रहेगी। तृप्ति सिंघल,प्राचार्य
प्रशासन की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहीं बेटियां, नई बिल्डिंग की स्वीकृति के लिए लग गया एक साल
शहर के राजकीय एसबीके बालिका उच्चमाध्यमिक विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था का हालबेहाल है। यहां एक ही कमरे में 7 कक्षाओं केछात्राओं को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। मंगलवारको चार शिक्षिकाएं 92 बालिकाएं एक साथअलग-अलग विषय पढ़ रहीं थी। ऐसे में ये छात्राएंक्या सीख सकती है। इस सवाल पर प्राचार्य तृप्तिसिंघल ने कहा कि नया भवन बन रहा है। जिसमेंकरीब 9 माह लगेंगे।तब तक यह समस्या बनी रहेगी। बता दें किउक्त स्कूल में 12वीं तक नामांकन 603 छात्राओंका है।
बैठने के लिए 8 कमरे हैं। कुछ छात्राओंको सिटी स्कूल में पढ़ाते हैं। शिक्षिकाओं ने बतायाकि कमरे के आभाव में मजबूरी में किसी तरहकक्षाएं लगाई जा रहीं है। भास्कर टीम ने जबमंगलवार को इसकी पड़ताल किया तो पाया िकएक ही कमरे में कक्षा छठी व सातवीं को हेमलताने मैथ, सुनीता रानी गोयल ने पहली,दूसरी वतीसरी कक्षा को हिन्दी, उषा शर्मा ने चौथी वपांचवीं को गणित और मधु शर्मा ने कक्षा सातवींकक्षा को अंग्रेजी पढ़ाते मिली।
वहीं 12वीं छात्राएंछोटे से कमरे में नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ने कोमजबूर है। कक्षा 7वीं की छात्राओं ने बताया किएक ही कमरे में सात में कक्षाओं को पढ़ाने सेकक्षा में काफी शोरगुल होते हैं। वहीं शिक्षिकाओं नेबताया कि एक ही कमरे में बैठाने से शिक्षण कार्यकाफी प्रभावित होते हैं।
एक कमरे में सात कक्षाओं की छात्राएं पढ़ते हुए।
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