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बुधवार, 27 सितंबर 2023

जहां शिक्षक नहीं, वहां भी होगी हर विषय की पढ़ाई, सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा ई-कंटेंट



 जहां शिक्षक नहीं, वहां भी होगी हर विषय की पढ़ाई, सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा ई-कंटेंट

डूंगरपुर । शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई को तकनीकी की जरिए सहज और सरल बनाने की दिशा में प्रभावी नवाचार किया है। शिक्षकों के पद रिक्त होने और शिक्षकों के लंबे अवकाश पर चले जाने से स्कूलों में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता है। पद रिक्त होने के कारण स्कूलों में ताला बंदी की नौबत भी आती रहती है। इसके चलते स्कूल का रिजल्ट तो खराब होता ही है। वहीं, विद्यार्थियों का भविष्य भी दांव पर लग जाता है।


 इसे लेकर शिक्षा विभाग ने कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाने के लिए मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की शुरुआत की है। कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए शासन सचिव स्कूल शिक्षा ने सरकारी विद्यालयों के संस्थाप्रधानों की वीसी लेकर डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाने को लेकर निर्देश भी दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्कूलों में उपलब्ध आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता का आंकलन कर अब इनका उपयोग शिक्षण कार्यों में किया जाएगा। 


इस कार्यक्रम से कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में खासी मदद मिलेगी। 5 सितंबर को मुख्यमंत्री ने मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम से स्कूलों में रिक्त पदों के साथ ही किसी भी वजह से पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने की दिक्कतों से पाया जा सकेगा। यह कार्यक्रम राज्य के दूर दराज के इलाकों में अध्ययनरत उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जहां शिक्षा की पहुंच कम है। वहां या तो विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं या अन्य किसी कारणवश विषयाध्यापकों की उपलब्धता में कमी है। 


मिशन स्टार्ट के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विषयाध्यापकों के रिक्त पद या शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में भी कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को विभाग की ओर से निर्मित डिजिटल कंटेंट के माध्यम से अध्यापन कराया जाएगा। विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने की योजना है। 


इसलिए है उपयोगी

विद्यालयों में आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधनों के उचित उपयोग से दक्ष शिक्षक ई- कंटेंट में नवाचारों एवं नए विचारों का समावेश कर अपने अध्यापन को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।


इंटरनेट जरूरी: मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के

लिए स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन जरूरी है। जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय संस्था प्रधान की होगी। 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ई- कंटेंट से पढ़ाने के लिए साप्ताहिक विषयवार निर्धारित टाइम टेबल होगा। जिसका प्रिंट स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा। ताकि, विद्यार्थियों को यह पता चल सके कि किस विषय की कक्षा कब ली जाएगी


जवाबदारी : शिक्षकों की स्कूल से गैरहाजिरी की देनी होगी जानकारी

स्कूलों में किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है या पद रिक्त चल रहे हैं तो इसकी जानकारी विभाग को देने की जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। इसके अलावा आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप डिजिटल ई-कन्टेंट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।

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