महात्मा गांधी विद्यालयों के नौ-निहाल सीख रहे रोबोट बनाना
नौगांवा. प्रदेश सरकार की महत्वकांशी योजना के तहत महात्मा गांधी स्कूलों में तब्दील हुए सरकारी विद्यालयों के नौनिहाल अब रोबोट बनाने की कला में भी पारंगत हो सकेंगे। इन नौनिहालों को रोबोट सहित अन्य उपकरणों व मशीनों के एक-एक पार्टस स्वयं खोलने व फिर जोडऩे का भी प्रशिक्षण विद्यालयों में दिया जाएगा।
इससे न केवल बच्चों में तकनीकी ज्ञान बढेगा, बल्कि गणित, विज्ञान व कम्प्यूटर जैसे विषयों में खेल-खेल में पढ़ाई कराकर आगे लाने के प्रयास होंगे। शुरुआत में अलवर जिले के 8 राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में यह मॉडल लागू किया गया। एक लैब पर लगभग 6.14 लाख रुपए की लागत आई है। समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारियों की माने तो अभी आगे भी 5 विद्यालयों में ये योजना प्रारम्भ होना प्रस्तावित है।
99 प्रकार के रोबोटिक उपकरण किए जाएंगे इंस्टॉल: कार्यक्रम अधिकारी समसा बलदेव गुप्ता ने बताया कि रोबोटिक लैब में 99 प्रकार के रोबोटिक उपकरण इंस्टॉल किए जाएंगे। इन उपकरणों में रोबोटिक कार, किट, स्मार्ट डिवाइस, स्टेम किट, हॉम ऑटोमेटिक किट, मैटर डिटेक्टर किट, लाइफ साइंस वॉइस कंट्रोल रोबोटिक किट,प्रोजेक्टर स्टेम किट, टेलीस्कॉप प्रिंटिंग प्रेस स्टेम किट, मल्टी फंक्शनल रोबोटिक किट, ड्रोन, थ्री डी प्रिंटर, कलर रिकॉग्निशन सेंसर, आर्मी टैंक जैसे कई अन्य रोबोटिक किट शामिल है। इस लैब का उपयोग कक्षा 04 से 12वीं तक के विद्यार्थी कर सकेंगे। प्रत्येक महात्मा गांधी स्कूलों से एक-एक कम्प्यूटर अनुदेशक तथा आईसीटी प्रभारी को रोबोटिक लैब संचालन करने का प्रशिक्षण दे दिया है।
इन स्कूलों में हो रहा संचालन: वर्तमान में अलवर जिले के रामगढ ब्लाँक के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रामगढ़ और अलावडा़, थानागाजी ब्लॉक के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय नारायणपुर और मांदरी, रैणी ब्लाँक के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रैणी, बहरोड ब्लॉक के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय गंडाला और बानसूर ब्लॉक के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय रामपुर और हरसौरा में इन रोबोटिक लैबों का संचालन हो रहा है। वहीं आगामी दिनों में 5 विद्यालयों महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बहरोड, नीमराणा, मुण्डावर, हरसौली और नयाबास में ये लैब लगना प्रस्तावित है।
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