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रविवार, 24 सितंबर 2023

बीएलओ ड्यूटी बहिष्कार का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कारण बताओ नोटिस पर रोक

 

बीएलओ ड्यूटी बहिष्कार का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कारण बताओ नोटिस पर रोक

बीकानेर शिक्षकों की ओर से बीएलओ कार्य का सामूहिक (22 शिक्षकों) बहिष्कार करने और उपखण्ड अधिकारियों की ओर से ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का मामला राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पहुंच गया है। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) उपशाखा श्रीडूंगरगढ़ और खाजूवाला की ओर से न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की गई है। इस पर न्यायालय ने एसडीएम श्रीडूंगरगढ़ और खाजूवाला की ओर से 8 सितम्बर व 15 सितम्बर को प्रार्थी शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार, चुनाव आयोग, जिला कलक्टर बीकानेर, एसडीएम श्रीडूंगरगढ़ व खाजूवाला व निदेशक माध्यमिक शिक्षा को नोटिस जारी कर 28 सितम्बर तक जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


यह है मामला

प्रार्थी शिक्षकों के अधिवक्ता इन्द्रजीत यादव ने बताया कि तृतीय श्रेणी पद पर कार्यरत प्रार्थी शिक्षकों को दोनों एसडीएम ने बीएलओ पद का अतिरिक्त कार्य दिया। इसके बाद यह शिक्षक अपने नियमित शिक्षण कार्य के साथ बीएलओ संबंधी कार्य करते रहे। बीकानेर शिक्षा निदेशालय ने 17 जनवरी 2018 को एक आदेश प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को जारी किया। इसमें शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार नियम की धारा 27 के तहत शिक्षण कार्यों के अतिरिक्त कार्य नहीं करवाने के निर्देश दिए। इसमें विषम परिस्थितियों में यह नियम-शर्त लागू नहीं करने का प्रावधान भी किया गया। इसमें चुनाव कार्य भी शामिल है।


इस तरह रखा पक्ष

अधिवक्ता यादव ने बताया कि याचिका में शिक्षकों ने पक्ष रखा कि चुनाव कार्य का अर्थ चुनाव प्रक्रिया के समय से है, न कि वर्षभर चुनावी कार्यों से है। शिक्षक संघों ने संयुक्त प्रार्थना पत्र पेश कर विभिन्न आदेशों व निर्णयों की पालना में बीएलओ कार्य का बहिष्कार करना बताया। इसके विरुद्ध एसडीएम श्रीडूंगरगढ़ ने 6 जून और खाजूवाला ने 31 जुलाई को इन प्रार्थी शिक्षकों को नोटिस जारी कर बीएलओ ड्यूटी का बहिष्कार करने के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी जारी की। इसका शिक्षकों ने जवाब दिया, जिससे असंतुष्ट होकर दोनों एसडीएम ने विभागीय कार्यवाही को निरंतर रखा। ऐसे में प्रार्थी शिक्षकों ने न्यायालय के माध्यम से अपना पक्ष रखते हुए विभागीय कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की। न्यायालय ने एसडीएम के आदेशों पर तत्काल प्रभाव से रोक क आदेश जारी किए है।

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