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बुधवार, 27 सितंबर 2023

शिक्षा विभाग की ​अधिकांश योजनाएं ऑनलाइन, अब नया एप भी जारी, शिक्षक बोले- एक दिन का डाटा अपडेशन में ही जा रहा, फ्री दें

 

शिक्षा विभाग की ​अधिकांश योजनाएं ऑनलाइन, अब नया एप भी जारी, शिक्षक बोले- एक दिन का डाटा अपडेशन में ही जा रहा, फ्री दें

शिक्षा विभाग ने हर योजना को ऑनलाइन से इतना जोड़ दिया है कि एक शिक्षक का एक दिन का सारा डाटा इन योजनाओं और एप्लीकेशन को डाउनलोड करके उनको अपडेट करने में खर्च हो जाता है। अब तक मिड डे मील और ऑनलाइन उपस्थिति के बाद शिक्षा विभाग ने शाला दर्पण पर शिक्षक एप नाम से नया शगूफा और जोड़ दिया है। जिसके माध्यम से अब शिक्षकों को छुट्टी स्वीकृत करवानी पड़ेगी।


खासबात यह है कि शिक्षक जब अपना अवकाश डालेगा तो वो लोकेशन बेस्ड होगा यानी शिक्षा विभाग अपने ही कार्मिकों की छुट्टी और कहां से एप्लाई कर रहे हैं, उस पर भी नजर रखेगा। शिक्षा विभाग ने इसको पायलट प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में लिया है।


एक तरफ राज्य सरकार ने 80 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन मय सिम जिसमें इंटरनेट चलाने का डाटा निशुल्क दिया है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग शिक्षकों से रोजाना सारी सूचनाएं ऑनलाइन मंगवा रहा है, लेकिन इनके लिए ना मोबाइल है ना सिम ना कोई डाटा। ऊपर से अब शिक्षक के स्वयं की उपस्थिति दर्ज करने और छुट्टी लेने पर लोकेशन बेस्ड एप्लीकेशन के माध्यम से अवकाश की एप्लाई करनी होगी। यही नहीं हर कक्षा के एक-एक बच्चे की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। इसके अलावा उपस्थिति के स्टैटिकल एनालिसिस और उपस्थिति री चेकिंग भी करनी होगी।


निजी उपयोग के लिए नहीं बच रहा मोबाइल डाटा

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रूपाराम रलिया व प्रदेश मीडिया सदस्य सुभाष विश्नोई के अनुसार शिक्षक का पूरा डाटा सरकारी योजनाओं की सूची बनाने, उनकी सूचनाएं देने और लेने, शिक्षक को कार्य मुक्ति-कार्यग्रहण आदि ऑनलाइन को पूरा करने में चला जाता है। अब इसमें शाला दर्पण शिक्षक एप नाम से नया प्रोजेक्ट जोड़कर शिक्षकों द्वारा अवकाश की एप्लाई करने और उसमें भी लोकेशन बेस्ड करने से शिक्षकों को नुकसान होगा।


शिक्षक संघ सियाराम के दिनेश सिंह शेखावत के अनुसार इसमें प्रथम चरण में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को जोड़ा गया है, लेकिन सरकार शिक्षकों सिम, डाटा और फोन तो दें। ताकि वे सर्वे से लेकर चुनाव तक की हर प्रक्रिया में सहयोग कर सकें। नहीं तो योजनाओं की जानकारी देने के चक्कर में हाल यह रहता है कि कोई भी शिक्षक निजी उपयोग के लिए सिम का डाटा उपयोग में ही नहीं ले सकता।

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