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बुधवार, 27 सितंबर 2023

श्रमिक बनकर पैसा लेना पड़ा भारी, सरकारी नौकरी लगी तो विभाग अब दे रहा वसूली नोटिस

 

श्रमिक बनकर पैसा लेना पड़ा भारी, सरकारी नौकरी लगी तो विभाग अब दे रहा वसूली नोटिस

अलवर. श्रम विभाग उन श्रमिकों से पैसे की वसूली कर रहा है जो श्रमिक बनने के बाद सरकारी नौकरी में लग गए हैं और पूर्व में श्रमिक बनकर श्रम विभाग की योजनाओं में पैसा ले चुके हैं। श्रम विभाग ने जिले के करीब 425 से अधिक लोगों को नोटिस भेजकर वसूली शुरू कर दी है। इसमें से कुछ ने तो पैसा जमा करवा दिया हैं, लेकिन कुछ पैसा जमा करवाने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में विभाग इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। पिछले आठ सालों में करोडों रुपए की राशि श्रमिकों के खाते में जा चुकी है, अब वसूली करने में पसीने छूट रहे हैं। इसमें श्रम विभाग ने उन श्रमिकों को भी नोटिस भेजे हैं जिनके बच्चे सरकारी सेवा में लग गए हैं, लेकिन उनके माता-पिता श्रमिक के रूप में पंजीकृत हैं। श्रम विभाग आठ साल पहले योजना का लाभ ले चुके श्रमिकों को नोटिस भेजा है।


उठ रहे सवाल: श्रम विभाग की ओर से पंजीकृत श्रमिकों से वसूली की कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। श्रमिक का पंजीयन होने के बाद श्रम विभाग के निरीक्षक मौके पर जाकर सत्यापन करते हैं तो उस समय ये मामले पकड़ में क्यों नहीं आए और सात-आठ साल बाद श्रमिकों से पुराने पैसे की वसूली करनी पड़ रही है।


केस-1

मैंने वर्ष 2017 में शुभ शक्ति योजना में बेटी के लिए श्रम विभाग से 55 हजार रुपए की राशि ली थी। इसके बाद मेरा बेटा पुलिस में लग गया है। अब नोटिस आया है कि पैसे वापस जमा कराओ।-सुनीता, श्रमिक किथूर


केस-2


मैंने वर्ष 2016 में श्रम विभाग शुभ शक्ति योजना में आवेदन किया था। 2017 में राशि स्वीकृत हो गई। 2018 में मेरे बेटे की सरकारी नौकरी लग गई। आज पांच साल बाद विभाग पैसे की वसूली के लिए नोटिस भेज रहा है, जबकि मैं तो आज भी श्रमिक ही हूं।-तोताराम, श्रमिक कडूकी


सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों को आरजीएचएस योजना में शामिल किया गया है। सभी का जनाधार कार्ड भी बनाया गया है। पंजीकृत श्रमिक को भी श्रम विभाग की योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड व जनाधार कार्ड लगाना जरूरी है। एक ही व्यक्ति का जनाधार कार्ड दो सरकारी योजना में मिलने पर पता चला है कि एक व्यक्ति दो जगह से पैसा ले रहा है। सरकार एक व्यक्ति को एक ही योजना में लाभ देना चाहती है।


जिन श्रमिकों ने श्रम विभाग की ओर से किसी भी योजना में सहायता राशि ली है और जो अब सरकारी सेवा में हैं, उनसे वसूली की जा रही है। जनाधार से यह पकड़ में आया है। श्रमिक कार्ड के आधार पर जिलेभर में 400 से ज्यादा को नोटिस भेजे गए हैं। कुछ ने राशि जमा करवाई है। - राकेश चौधरी, उपश्रम आयुक्त, श्रम विभाग

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