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गुरुवार, 28 सितंबर 2023

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने पर अब ई-कंटेंट से होगी पढ़ाई


 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने पर अब ई-कंटेंट से होगी पढ़ाई

दौसा. शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब ई-कंटेंट के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इसके लिए जिले के 366 सहित राज्य के 15 हजार 70 स्कूलों में 4 टीबी क्षमता की हार्ड ड्राइव मय ई-कंटेट सामग्री राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने भेजी है। शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। राज्य के उच्च माध्यमिक स्कूलों में मिशन स्टार्ट योजना के तहत ई-कक्षाओं के संचालन के लिए विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए स्कूलों में 4 टीबी क्षमता की हार्ड ड्राइव और ई कंटेट सामग्री एक निजी फर्म के माध्यम से पहुंचाई जा रही है।


 राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को यह हार्ड ड्राइव और ई कंटेंट सामग्री जिला मुख्यालय पर प्राप्त होते ही तीन दिनों में अपने अधीनस्थ स्कूलों में पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मिशन स्टार्ट के तहत कक्षा नवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को स्मार्ट टीवी से शिक्षण कराने के निर्देश शिक्षा सचिव नवीन जैन ने वीडियो क्रांफ्रेंस में दिए थे। संस्था प्रधानों को समय विभाग चक्र निर्धारित कर शाला दर्पण पर अपलोड करने के लिए भी कहा गया है। इसके तहत शिक्षकों के पद रिक्त होने या विषयाध्यापक के अवकाश पर रहने पर विद्यार्थियों को मिशन स्टार्ट के तहत ई-कंटेंट के जरिए शिक्षण कराना होगा।


ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड पर चलेंगी स्मार्ट क्लासेज

सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विषय अध्यापक उपलब्ध नहीं होने पर भी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को अध्ययन कराने के लिए मिशन स्टार्ट के तहत योजनाबद्ध तरीके से व्यापक तैयारियां की गई है। जिन स्कूलों में कम्प्यूटर, स्मार्ट टीवी और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है, वहां ऑनलाइन मोड पर मिशन ज्ञान के ई-लेक्चर्स से पढ़ाई कराई जाएगी। वहीं इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या वाले क्षेत्रों में भी बिना किसी रूकावट के ऑफलाइन मोड पर नियमित तौर स्मार्ट क्लासेज संचालन के लिए हार्ड ड्राइव में मिशन ज्ञान के 9वीं से 12वीं तक के लेक्चर फीड करते हुए स्कूलों तक पहुंचाए जा रहे है। जिन स्कूलों में विषय अध्यापक उपलब्ध है, वहां कठिन टॉपिक के बारे में या फिर सब्जेक्ट टीचर्स की अनुपस्थिति में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए छात्र-छात्राओं को स्मार्ट तरीके से अध्ययन का विकल्प प्रदान किया जाए।



नियमित महाविद्यालय नहीं आने पर स्वयंपाठी के रूप में देनी होगी परीक्षा

रामगढ़ पचवारा(लालसोट). रामगढ़ पचवारा के राजकीय कन्या महाविद्यालय में पांच सहायक प्राफेसरों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुभाष पहाडिय़ा ने बताया कि महाविद्यालय में नियमित अध्यापन कार्य प्रारंभ हो चुका है, उन्होंने बताया कि विद्या संबल योजना में पांच सहायक प्रोफेसर ने कार्यग्रहण कर लिया है। इस बार राजस्थान विश्वविद्यालय के द्वारा सेमेस्टर प्रणाली के द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा में बैठने के लिए नियमित विद्यार्थियों की महाविद्यालय में 70 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी अन्यथा उन्हें स्वयंपाठी के रूप में परीक्षा देनी होगी।(नि.प्र.)



सभी विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासेज में मिशन ज्ञान के ई-लेक्चर्स के माध्यम से एडवांस साप्ताहिक टाइम टेबल बनाकर प्रत्येक सोमवार से शक्रवार तक पढ़ाई कराई जाएगी। वहीं हर सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को इन स्कूलों में प्रात: 8 से 9.30 बजे तक रेमेडियल क्लासेज भी लगाई जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है। शाला दर्पण पोर्टल पर स्मार्ट क्लासेज के संचालन की मॉनिटरिंग के लिए विशेष मॉड्यूल बनाया गया है, इस पर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के संस्था प्रधानों को प्रति सप्ताह का टाइम टेबल बनाकर एडवांस में अपलोड करना होगा।


इनका कहना है...

शिक्षण में डिजिटल नवाचार हो रहे हैं। उच्च माध्यमिक स्कूलों में साप्ताहिक टाइम टेबल से स्मार्ट क्लासेज चलेंगी। इस संबंध में शासन सचिव ने निर्देश दिए हैं, जिनसे संस्था प्रधानों को अवगत कराकर कार्य शुरू कराया जा रहा है। - गोविंदनारायण माली, सीडीईओ दौसा

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