पालनहार की सहायता राशि पर तलवार, प्रदेश में वार्षिक सत्यापन की स्थिति पर एक नजर
उदयपुर . पालनहार योजना में प्रदेश के करीब तीन लाख से अधिक जरूरतमंद बच्चों की सहायता राशि अटकती नजर आ रही है। कारण कि उनकी ओर से अभी तक वार्षिक सत्यापन नहीं कराया गया है। योजना में 18 साल तक के अनाथ, एकल महिला की संतान सहित सात श्रेणियों के बच्चों को शिक्षा व पालन पोषण के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाती है।
योजना में प्रतिवर्ष बच्चों का इ-मित्र के माध्यम से सत्यापन करवाना होता है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 29 अगस्त तक कुल 6 लाख 5 हजार 128 बच्चे पालनहार योजना के पात्र हैं। इनमें से 2 लाख 97 हजार 681 बच्चों ने सहायता राशि के लिए वार्षिक सत्यापन करवा लिया। जबकि 3 लाख 7 हजार 403 बच्चे ऐसे हैं, जिनका वार्षिक सत्यापन नहीं हो सका है। समय रहते सत्यापन नहीं करवाया तो इनकी सहायता राशि पर तलवार लटक सकती है। अकेले उदयपुर जिले की बात करें तो योजना में पात्र बच्चों की संख्या 24 हजार 182 है। जिनमें 16 हजार 243 का सत्यापन करवाना बाकी है।
ये है पात्रता: अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा के बच्चे, एच.आई.वी./एड्स पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन के बच्चे, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे व सिलिकोसिस पीडित माता/पिता के बच्चे इस योजना में सहायता राशि के लिए पात्र होते है।
पालनहार योजना के तहत स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को वार्षिक सत्यापन करवाना अनिवार्य होता है। बिना इसके छात्रों को सहायता राशि नहीं दी जा सकती। इसलिए समय रहते विद्यार्थी अपना वार्षिक सत्यापन जरूर करवाएं।-मान्धाता सिंह, उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उदयपुर
उम्र के अनुसार मिलती है सहायता राशि
इस योजना में 0-4 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 750 रुपए एवं 6-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह राशि सरकार की ओर से दी जाती है। अनाथ श्रेणी में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 एवं 6-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें