Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

बुधवार, 27 सितंबर 2023

पांच विद्यार्थी होने पर भी चलेंगे राजकीय कॉलेज, अन्य में भी हो सकेंगे स्थानांतरण

 

पांच विद्यार्थी होने पर भी चलेंगे राजकीय कॉलेज, अन्य में भी हो सकेंगे स्थानांतरण

भीलवाड़ा. राजकीय कॉलेज अब छात्र-छात्राओं की कमी के चलते बंद नहीं होंगे। कॉलेज में अब पांच विद्यार्थी होने पर भी संकाय चलेंगे। कॉलेज शिक्षा के आयुक्तालय के इस बड़े फैसले से अब बजट घोषणा में खुले नए कॉलेज बंद नहीं हो सकेंगे। दूसरी तरफ छात्र-छात्राओं को भी अब संकाय चुनने में परेशानी नहीं होगी।


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत चार बजट के दौरान प्रदेश में कॉलेजों से वंचित तहसील एवं उपखंड मुख्यालयों पर राजकीय कॉलेज खोलने की घोषणा की। इसके चलते भीलवाड़ा जिले में राजकीय कॉलेजों की संख्या 15 से बढ़कर 21 हो गई।


नए कॉलेज खुलने के बाद नए भवन व स्टाफ की समस्या से जुझ रहे कॉलेजों ने जुगाड़ के सहारे संचालन कर लिया, लेकिन कई कॉलेज में छात्रों की संख्या तय मापदंड के अनुरूप बढ़ नहीं पाई। ऐसे में कई कॉलेज के संकाय चल नहीं पाए तो कुछ बंद होने के कगार पर पहुंच गए। ऐसे कॉलेजों को राहत देने के लिए आयुक्तालय ने नई व्यवस्था की।


पहले सीमा थी 20

आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के अनुसार, अब तक राज्य में 20 विद्यार्थियों के पंजीयन पर ही स्नातक प्रथम वर्ष में कक्षा संचालन का प्रावधान था, जो 5 सितम्बर के आदेश के बाद प्रवेश नीति सत्र 2023-24 में विद्यार्थी संख्या बीस के स्थान पर पांच कर दी। प्र्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या दस से कम रहने पर भी विद्यार्थियों के आग्रह पर उसी महाविद्यालय में प्रवेश मिल सकेगा। विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम रहने पर सत्र 2023-24 के लिए शिक्षण कार्य स्थगित रहेगा। अन्यत्र महाविद्यालय में संकाय में स्थान होने पर प्रवेश स्थानांतरित हो सकेगा। 3 साल में मांडल, गंगापुर, गुलाबपुरा, मांडलगढ़, हमीरगढ़ व अंटाली में कॉलेज खुले हैं। इनमें तय सीमा में संकायों में छात्र नहीं हैं।



विद्या सम्बल का सहारा

आयुक्तालय ने महाविद्यालयों में प्रवेश नीति प्रभावी बनाने को नए कॉलेजों के संचालन के लिए ब्लॉक बना रखे हैं। बीस से कम छात्रों के पंजीयन पर सम्बंधित कॉलेज के प्रबंधन की मांग पर राहत दी है। विद्या सम्बल योजना का भी सहारा कॉलेजों को मिला है।-विनय पंचोली, नोडल अधिकारी, एमएलवी कॉलेज भीलवाड़ा


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें