पांच विद्यार्थी होने पर भी चलेंगे सरकारी कॉलेज
उदयपुर. अब राजकीय महाविद्यालय विद्यार्थियों की कमी के कारण बंद नहीं किए जा सकेंगे। चाहे राजकीय कॉलेज में प्रवेश पांच विद्यार्थियों का ही क्यों ना हो। इस संबंध में कॉलेज आयुक्तालय ने आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार जिन राजकीय कॉलेजों में एसएफएस पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर पूवा्रर्द्ध ंद में 20 से अधिक आवेदन पत्र आए तथा प्रवेश नीति की अनुपालना में मेरिट जारी की गई थी, इसके बावजूद फीस जमा करवाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बीस से कम हो तो इसमें शिथिलन प्रदान करते हुए उन राजकीय महाविद्यालयों में नई प्रवेश नीति के अनुसार संख्या से बीस से घटाकर पांच की गई है।
संकाय चुनने में नहीं होगी परेशानी : आदेश के बाद प्रदेश में बजट घोषणा के तहत खोले कॉलेज बंद नहीं हो सकेंगे। यही नहीं, अब छात्र-छात्राओं को संकाय चुनने में भी परेशानी नहीं होगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के चार बजट पेश किए। इसमें प्रदेश के तहसील और उपखण्ड मुख्यालयों पर राजकीय कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। जिनके हालत नाजुक हैं। लेकिन वे कॉलेज चलेंगे। उदयपुर जिले की बात करें तो वर्तमान में यहां पीजी के पांच और यूजी के 16 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं।
स्थगित रहेगा शिक्षण कार्य
प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम रहने की स्थिति में उस विषय का शिक्षण कार्य वर्तमान सत्र 2023-24 के लिए स्थगित रहेगा। पांच से कम प्रविष्ट विद्यार्थी ं रहने की स्थिति में विद्यार्थियों की ओर से अनुरोध करने पर उसी महाविद्यालय के अन्य पाठ्यक्रम में स्थान रिक्त हो तो स्थानांतरित किया जा सकता है। कॉलेजों को दिया गया ये शिथिलन सत्र 2023-24 के लिए ही लागू रहेगा।
स्टाफ का भी अभाव
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से खोले गए नए कॉलेजों में स्टाफ का भी अभाव था। इस कारण कॉलेज बंद होने की स्थिति में ही थे। यही नहीं, इन कॉलेजों को जुगाड़ के सहारे संचालित किया जा रहा था। लेकिन प्रदेश में कई कॉलेज ऐसे थे, जिनमें छात्रों की संख्या तय मापदंड के अनुसार नहीं बढ़ पाई। ऐसे में संकाय नहीं चल सके और कुछ कॉलेज बंद होने के कगार पर आ गए थे। ऐसे कॉलेजों को राहत प्रदान करने के लिए कॉलेज आयुक्तालय ने यह नई व्यवस्था की है।
पहले सीमा थी 20
आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के अनुसार अब तक राज्य में 20 विद्यार्थियों के पंजीयन पर ही स्नातक प्रथम वर्ष में कक्षा संचालन का प्रावधान था, जिसे प्रवेश नीति सत्र 2023-24 में विद्यार्थी संख्या बीस के स्थान पर पांच कर दिया गया है। प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या दस से कम रहने पर भी विद्यार्थियों के आग्रह पर उसी महाविद्यालय में प्रवेश मिल सकेगा।
उदयपुर. अब राजकीय महाविद्यालय विद्यार्थियों की कमी के कारण बंद नहीं किए जा सकेंगे। चाहे राजकीय कॉलेज में प्रवेश पांच विद्यार्थियों का ही क्यों ना हो। इस संबंध में कॉलेज आयुक्तालय ने आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार जिन राजकीय कॉलेजों में एसएफएस पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर पूवा्रर्द्ध ंद में 20 से अधिक आवेदन पत्र आए तथा प्रवेश नीति की अनुपालना में मेरिट जारी की गई थी, इसके बावजूद फीस जमा करवाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बीस से कम हो तो इसमें शिथिलन प्रदान करते हुए उन राजकीय महाविद्यालयों में नई प्रवेश नीति के अनुसार संख्या से बीस से घटाकर पांच की गई है।
संकाय चुनने में नहीं होगी परेशानी : आदेश के बाद प्रदेश में बजट घोषणा के तहत खोले कॉलेज बंद नहीं हो सकेंगे। यही नहीं, अब छात्र-छात्राओं को संकाय चुनने में भी परेशानी नहीं होगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के चार बजट पेश किए। इसमें प्रदेश के तहसील और उपखण्ड मुख्यालयों पर राजकीय कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। जिनके हालत नाजुक हैं। लेकिन वे कॉलेज चलेंगे। उदयपुर जिले की बात करें तो वर्तमान में यहां पीजी के पांच और यूजी के 16 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं।
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