पढाई पर असर: 3 साल से जिलेवार क्रमोन्नत हुए स्कूल, रिक्त पद से पढ़ाई भी प्रभावित होगी व्याख्याता स्वीकृत किए बिना 213 स्कूल क्रमोन्नत
स्कूलों को क्रमोन्नत करने के साथ व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं होने से स्कूलों विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही हैं। दो से तीन साल में जिलेवार स्कूल तो क्रमोन्नत हुए, लेकिन इनमें पदों का सृजन नहीं हुआ। इसके चलते व्याख्याताओं का पदस्थापन नहीं हो पाया। अब शिक्षा विभाग शिक्षक नेता भी स्कूलों में पद स्वीकृति को लेकर मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि स्कूल का नाम क्रमोन्नत करने से बिना पद स्वीकृति के भी पढ़ाई हो जाएगी।
लगातार स्कूल क्रमोन्नत पर व क्रमोन्नत किए हैं। पहले क्रमोन्नत विद्यालयों में भी अभी तक पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। स्कूल प्राथमिक से उच्च प्राथमिक, उच्च प्राथमिक से माध्यमिक माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में तीन-तीन स्तर ऊपर क्रमोन्नत हो गए। जबकि पद स्वीकृत नहीं किए 7. भीलवाड़ा जा रहे हैं। कुछ स्कूल 2021 में उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुए। 2022 में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत हो गए। शिक्षक नेता कह रहे हैं कि अब आचार संहिता लग चुकी है ।
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