शिक्षा विभाग ; लापरवाही से अटकी 30 हजार शिक्षकों की पदोन्नति
पदोन्नति की मंजूरी के लिए फाइल चुनाव आयोग भेजने की मांग, देरी की तो अगले साल ही हो सकेगी पदोन्नति
जयपुर | शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते 30 हजार शिक्षकों की पदोन्नति अटक गई है। अब नए साल में ही पदोन्नति होने की उम्मीद है। जब तक पदोन्नति होगी, तब तक चालू सत्र खत्म होने को आ जाएगा। ऐसे में पदोन्नति से इस सत्र में विद्यार्थियों को व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक नहीं मिल पाएंगे। यह पदोन्नति पिछले 3 साल से अटकी हुई थी। आचार संहिता से पहले 1 अक्टूबर को कैबिनेट ने नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद इन संशोधनों को राज्यपाल ने अनुमोदन दे दिया था।
इसके बाद केवल नियम संशोधनों का प्रकाशन होना था, इस बीच प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, इससेमामला अटक गया। जबकि इसके लिए चुनाव आयोग से अनु ली जा सकती थी। शिक्षकों ने चुनाव आयोग की मंजूरी लेकर जल्दी पदोन्नति करने की मांग की है ताकि अर्द्धवार्षिक परीक्षा व बोर्ड परीक्षाओं से पहले बच्चों को पदोन्नति से स्कूल व्याख्यात व वरिष्ठ अध्यापक मिल सके।
दो साल पहले राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम-2021 लागू किया था। इसमें व्याख्याता (विभिन्न विषय) पद पर सेवारत शिक्षकों की पदोन्नति के लिए यूजी पीजी में समान विषय होना जरूरी किया था। इस नियम से यूजी पीजी में अलग-अलग विषय रखने वाले वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता पद पर पदोन्नति की दौड़ से बाहर हो गए थे। ऐसे शिक्षक इस नियम का विरोध कर रहे थे और इसमें शिथिलता की मांग कर रहे थे।
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