बच्चों को मिलेगा पका हुआ भोजन, 450 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मिला गैस चूल्हा
धौलपुर. जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अब बच्चों को अगले सप्ताह से पका हुआ यानी गर्म भोजन खाने को मिल सकेगा। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गैस चूल्हा पहुंचने का कार्य शुरू हो गया है। अभी तक 450 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मैपिंग के बाद गैस चूल्हा उपलब्ध हो गया है। वहीं, अन्य केन्द्रों पर इसी सप्ताह पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए विभागगीय अधिकारी लगातार केन्द्रों की जांच करने में जुटे हुए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जिले में 1033 आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस कनेक्शन के लिए 54 लाख 90 हजार 395 रुपए का बजट मैपिंग के बाद जारी कर दिया है। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर करीब 87 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं।
जिससे अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को घर से भोजन पकाने की समस्या से निजात मिलेगी। वर्तमान में बच्चों के अभिभावको को फूड पैकेट्स दिया जाता था। लेकिन भोजन केन्द्र पर ही पकेगा। सरकार ने गैस कनेक्शन के लिए तीनों कंपनियों से कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। जिसके बाद सभी केन्द्रों पर कनेक्शन पहुंचा शुरू हो गया है। हर केंद्र को गैस कनेक्शन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खाते में 5315 रुपए स्थानांतरित की गई है।
एक कमरे में चल रहा आंगनबाड़ी
जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सरकार बदलने के प्रयास कर रही है। लेकिन जिले में अभी तक बहुत से आंगनबाड़ी केन्द्र किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। जिसमें से बहुत से केन्द्र पर केवल एक ही कमरा है। वहीं कुछ केन्द्र एक दुकान में चल रहे है। जिनका किराया भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे कार्यकर्ता भी काफी परेशान का सामना करना पड़ता है। शीघ्र ही इस समस्या का निदान हो तभी विद्यार्थियों को राहत मिल सकेगी।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंकड़े एक नजर
केन्द्र संख्या
धौलपुर शहर 228
बाड़ी 214
बसेड़ी-सरमथुरा 250
राजाखेड़ा 188
सैंपऊ 153
आंगनबाड़ी केंद्र पर गैस कनेक्शन देने का काम शुरू हो गया है। 450 केन्द्रों पर कनेक्शन उपलब्ध हो गए है। अन्य पर भी एक सप्ताह में पहुंच जाएंगे। अब बच्चों को पका हुआ भोजन उनके केन्द्र पर मिलेगा।
भूपेश गर्ग, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास धौलपुर
पानी, शौचालय नहीं, बिना बिजली के केन्द्र
जिले में 1033 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे है। इनमें से कई केन्द्रों पर पानी व शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इसी के साथ ही काफी केन्द्रों पर बिजली कनेक्शन भी नहीं है। जिससे यहां पर बैठने तक में परेशानी होती है।
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