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रविवार, 1 अक्तूबर 2023

रिक्त पद भरने की मांग, बेटियों ने की सड़क जाम,छात्राएं बोलीं कला वर्ग में 5 व्याख्याताओं के पद खाली, नहीं भरे तो करेंगे उग्र आंदोलन


 रिक्त पद भरने की मांग, बेटियों ने की सड़क जाम,छात्राएं बोलीं कला वर्ग में 5 व्याख्याताओं के पद खाली, नहीं भरे तो करेंगे उग्र आंदोलन

तारानगर. कस्बे के राजकीय कन्या कॉलेज में लंबे समय से व्याख्याताओं के खाली पड़े पदों को लेकर शनिवार को बेटियों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित छात्राओं ने शैक्षणिक कार्य का बहिष्कार कर कॉलेज के आगे मुख्य सड़क को जाम कर दिया। इसके बाद धरदे पर बैठ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जाम के चलते सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में करीब साढ़े 800 छात्राएं अध्ययनरत हैं। पढाने के लिए सिर्फ दो ही व्याख्याता हैं। महाविद्यालय में हिंदी, गृह विज्ञान को छोड़कर भूगोल, राजनीति विज्ञान संस्कृत साहित्य, इतिहास व समाजशास्त्र आदि के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। पूर्व में विद्या संबल योजना के तहत रिक्त पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर व्याख्याताओं को अस्थाई लगाया गया था। पिछला शिक्षण सत्र समाप्त होते ही व्याख्याताओं को हटाने शिक्षण व्यवस्था ठप हो गई है।


सौंपा ज्ञापन


छात्राओं की ओर से जाम लगाने की सूचना के बाद तहसीलदार सोनू आर्य व पुलिस मौके पर पहुंची। छात्राओं से समझाइश कर सड़क पर से जाम खुलवाया। इसके बाद छात्राओं ने तहसीलदार सोनू आर्य व प्राचार्य सुभाष चंद्र को कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय के नाम ज्ञापन देकर 10 दिन के भीतर महाविद्यालय में रिक्त चल रहे व्याख्याताओं के पद भरने की मांग की। छात्राओं ने व्याख्याताओं के रिक्त पद नहीं भरने पर 10 दिन के बाद उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर किरण, मनीषा शर्मा, सपना जोशी, सुष्मिता, पुष्पा, किरण, अंकिता, मनिषा, रीटा, पूजा, राधा, निकिता शर्मा, पुष्पा प्रजापत, नीतू, प्रीति, रितिका, हेमलता, मोनिका, कमला, पूनम, पंकज कुमारी, संजू, आरती, ज्योति, मोनिका पांडर आदि मौजूद रहीं।


जिम़्मेदार बोले...


प्राचार्य सुभाष चंद्र बोला ने बताया कि कॉलेज में व्याख्याताओं के आधे से ज्यादा पद रिक्त है। कला वर्ग में केवल 2 व्याख्याता यहां पर पदस्थापित है। पिछले दो सत्रों में रिक्त पदों पर विद्या संबल योजना के तहत अस्थाई रूप से शिक्षकों को लगाया गया था। इस बार विद्या संबल योजन के तहत अभी तक व्याख्याताओं को नियुक्ति नहीं दी गई है। जिसके कारण छात्राओं की पढाई बाधित हो रही है।

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