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रविवार, 29 अक्तूबर 2023

54 हजार शिक्षकों को पदोन्नति का इंतजार, कई सेवानिवृत्ति की कगार पर

 

54 हजार शिक्षकों को पदोन्नति का इंतजार, कई सेवानिवृत्ति की कगार पर

बीकानेर. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शिक्षक तीन साल तक पदोन्नति का इंतजार करते रहे। लेकिन सरकार का कार्यकाल तो खत्म होने की कगार पर गया शिक्षकों का नहीं। अब उन्हें नई सरकार के गठन के बाद ही पदोन्नति की उम्मीद है। बता दें, शिक्षा विभाग में 54 हजार शिक्षक हैं, जिन्हें तीन साल से पदोन्नति का इंतजार है। इसमें थर्ड ग्रेड शिक्षक से लेकर डीइओ स्तर तक के शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। इसका सीधा-सीधा नुकसान थर्ड ग्रेड शिक्षक से लेकर प्राचार्य तक को हो रहा है। हालांकि, हाल में व्याख्याता एवं थर्ड ग्रेड शिक्षकों की काउंसलिंग हुई थी, लेकिन आचार संहिता के चलते बड़ी संख्या में शिक्षक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए। इसके अलावा डीपीसी सेवा नियम संशोधन व शिथिलता की स्वीकृति मिलने के बाद भी शिक्षकों को समय रहते पदोन्नति नहीं मिल रही। शिक्षा सत्र 2021-22, 2022-23 तथा 2023-24 की तीन साल की डीपीसी अटकी हुई है।


सभी स्तर के शिक्षकों की पदोन्नति तीन साल से नहीं हो पाई है। इसके लिए आंदोलन भी किया गया था। अब राज्य में आचार संहिता लागू होने से कोई संभावना नहीं है। अब प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद ही डीपीसी होने की उम्मीद बंधी है।-बसंत कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा


इस वजह से नहीं हो पा रही हैं पदोन्नतियां

थर्ड ग्रेड अध्यापकों तथा वरिष्ठ अध्यापकों ने यूजी-पीजी अलग-अलग विषयों से कर रखी है। वे यदि लोकसेवा आयोग से सीधी भर्ती परीक्षा देते हैं, तो योग्य माने गए हैं, लेकिन वे विभाग में पदोन्नति के लिए पात्र नहीं हैं। जबकि नए पदोन्नति नियमों में पदोन्नति के लिए यूजी और पीजी में समान विषय होना जरूरी है। इस संबंध में शिक्षक संगठनों का कहना है कि पूर्व प्रचलित व्यवस्था के अनुसार, नए नियम लागू होने की तिथि 3 अगस्त 2021 से पहले पीजी कर चुके शिक्षकों को छूट दी जाए। नए सेवा नियमों का मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंच चुका है।


जारी नहीं हो सका नोटिफिकेशन

शिक्षक संगठनों की मांग के बाद डीपीसी सेवा नियम संशोधन व शिथिलन की फाइल पर कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई थी। लेकिन इस पर नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी। तीन अगस्त 2021 से पूर्व यूजी-पीजी असमान विषयों में डिग्री प्राप्त शिक्षकों को पात्र मानने के लिए सेवा नियम संशोधन को एक अक्टूबर 2021 को कैबिनेट से स्वीकृति मिली थी। लेकिन उसके बाद इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाया था। जबकि उप प्राचार्य से प्राचार्य की डीपीसी सत्र 2023-24 की बकाया है। इस कारण व्याख्याता से उप प्राचार्य की डीपीसी भी अटकी हुई है।


शिक्षकों को अब डीपीसी का इंतजार

शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षक से लेकर डीइओ तक के अधिकारी हैं। जब तक डीपीसी की बैठक में पदोन्नति का रास्ता साफ होगा तब तक शायद कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो जाएंगे।

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