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सोमवार, 9 अक्तूबर 2023

अंबुजा ने शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 7 आंगनबाड़ी केंद्रों का कराया नवीनीकरण

 


अंबुजा ने शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 7 आंगनबाड़ी केंद्रों का कराया नवीनीकरण

नागौर. अंबुजा सीमेंट ने नागौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हुए आधा दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों का नवीनीकरण कराया है। मूण्डवा उपखंड मुख्यालय के आसपास के भडाणा, ईनाणा, सोलियाना और खेरवाड़ गांवों में कंपनी ने सात आंगनबाड़ी केन्द्रों को पुनर्जीवित करने की पहल की है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करके इन समुदायों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना और सीखने के माहौल को तेजी से आगे बढ़ाना है।


विविधता से जुड़े अदाणी समूह की सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री कंपनी अंबुजा सीमेंट्स ने अपनी सीएसआर पहल के तहत राजस्थान के मारवाड़ मूण्डवा क्षेत्र के गांवों में विशिष्ट पहल की है। कंपनी ने इस क्षेत्र के भडाना, ईनाणा, सोलियाना और खेरवाड़ गांवों में पूर्व-प्राथमिक स्तर पर शैक्षिक बुनियादी ढांचे और सीखने के अवसरों को बेहतर बनाने के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है। देश के भविष्य को आकार देने में भावी पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कंपनी ने इन स्थानों पर शैक्षिक सुविधाओं में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।



कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि इन गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्यार्थियों की उपस्थिति आम तौर पर बहुत कम रहती थी। साथ ही इन आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने बुनियादी ढांचे का रखरखाव करने और इसे अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता थी। अंबुजा सीमेंट ने सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इन क्षेत्रों में सात आंगनबाड़ी केंद्रों का नवीनीकरण किया। इन प्रयासों के तहत संरचनात्मक सुधार और शिक्षण सहायक सामग्री के चित्रों के साथ दीवारों को सजाने का प्रयोग किया गया। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों के लुक में बहुत बदलाव नजर आने लगा और वे पहले से अधिक आकर्षक हो गए। मकसद यह था कि इस तरह के प्रयासों से प्रत्येक बच्चे को सीखने के लिए एक जीवंत और समग्र माहौल मिल सके। कंपनी के इस दूरदर्शितापूर्ण योगदान ने इन आंगनबाड़ियों में जान फूंक दी है। परिणामस्वरूप छात्रों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस पहल से छोटे बच्चों को अमूल्य ज्ञान से लैस कर इन गांवों के भविष्य को आकार देना संभव हो सकेगा।


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