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शनिवार, 21 अक्तूबर 2023

इन राज्‍यों को क्‍यों कहा गया ‘बीमारू’ प्रदेश? कैसे तेजी से बदल गए हालात...

इन राज्‍यों को क्‍यों कहा गया ‘बीमारू’ प्रदेश? कैसे तेजी से बदल गए हालात...

 इन राज्‍यों को क्‍यों कहा गया ‘बीमारू’ प्रदेश? कैसे तेजी से बदल गए हालात...

What is Bimaru States: मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान समेत पांच राज्‍यों में व‍िधान सभा चुनाव की तैयार‍ियां जोरों पर चल रही हैं. राजनीत‍िक पार्ट‍ियां मतदाताओं को आकर्ष‍ित करने के ल‍िए एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्‍यारोप कर रही हैं. प‍िछले द‍िनों प्रधानमंत्री मोदी ने एमपी में कार्यकर्ता महाकुंभ के दौरान कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा था कुनीत‍ि, कुशासन और करप्‍शन कांग्रेस की सरकार की पहचान रही है. उन्‍होंने भाजपा को ज‍िताने की अपील करते हुए कहा क‍ि कांग्रेस फिर से मध्य प्रदेश को बीमारू बना देगी. यहां आपका यह समझना जरूरी है क‍ि आख‍िर 'बीमारू' राज्‍य है क्‍या? 'बीमारू' कहे जाने वाले कुछ राज्‍यों में प‍िछले कुछ सालों में स्‍थ‍ित‍ियां क‍िस तरह बदली हैं?


क्‍यों कहा गया 'बीमारू' प्रदेश

1980 के दशक में आशीष बोस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सौंपी रिपोर्ट में देश के चार बड़े राज्‍यों बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ राज्य कहा था. इन राज्‍यों को आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य सूचकांकों के मामले में प‍िछड़ने के कारण यह नाम द‍िया गया. इसके बाद इस शब्द का बार-बार यूज क‍िया गया और इन राज्‍यों को गरीबी और बेरोजगारी का ताना दिया गया. हकीकत यह है क‍ि अब बीमारू होना स्थायी बीमारी नहीं है, राज्‍यों ने अपनी स्‍थ‍ित‍ि को पहले से काफी हद तक सुधारा है.


व‍िकास के पथ पर उत्‍तर प्रदेश

1980 के मुकाबले साल 2021-22 में यूपी की जीएसडीपी (GSDP) 12600 प्रत‍िशत बढ़ गई है. 1980 में राज्‍य की जीएसडीपी 15,554 करोड़ रुपये थी, जो क‍ि यूपी सरकार की ताजा र‍िपोर्ट के अनुसार 2021-22 में बढ़कर 19,74,532 करोड़ हो गई. 2022-23 के ल‍िए इसे अग्र‍िम अनुमान के तहत 21.91 लाख करोड़ रुपये पर आंका गया है. उत्‍तर प्रदेश की साक्षारता दर 70 प्रत‍िशत को पार कर गई है. आईटीआर दाख‍िल करने वालों की संख्या के मामले में यूपी देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बनकर उभरा है. एक इंटरव्‍यू में मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने दावा क‍िया क‍ि यूपी देश की इकोनॉमी में टॉप पर है और ग्रोथ रेट 8 प्रत‍िशत से ज्‍यादा है.


अगस्‍त 2023 में आरबीआई की तरफ से र‍िपोर्ट के अनुसार यूपी को टॉप पर दिखाया गया है. बैंकों और वित्तीय संस्थानों न‍िवेश के मामले में राज्‍य की हिस्सेदारी 16.2 प्रतिशत रही है. इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के मामले में देखें तो देश की पहली रैप‍िड रेल नमो भारत साहिबाबाद से दुहाई के बीच चल गई है. सबसे लंबा और सबसे ज्‍यादा एक्‍सप्रेस वे भी यूपी में ही हैं. मौजूदा पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे 240 क‍िमी लंबा है. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है.


ब‍िहार के सुधरे हालात

जीएसडीपी हो या प्रत‍ि व्‍यक्‍त‍ि आय का मामला प‍िछले कुछ सालों में ब‍िहार ने बढ़ोतरी दर्ज की है. कैग र‍िपोर्ट के अनुसार 2021-22 में राज्‍य की आर्थिक विकास दर 10.18 प्रतिशत रही. प्रत‍ि व्‍यक्‍त‍ि आय भी बढ़कर 54,383 रुपये पर पहुंच गई. हालांक‍ि यह पड़ोसी राज्‍यों झारखंड और यूपी से कम है. राज्‍य में श‍िशु मृत्‍यु दर भी तेजी से नीचे आई है. जन्‍म लेने वाले बच्‍चों की एक साल की उम्र के अंदर मौत का आंकड़ा प्रत‍ि हजार ग‍िरकर 25.5 पर आ गया है. इससे पहले यह आंकड़ा 2010 में 48 बच्‍चों का था. 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में शहरीकरण का स्तर 11.3 प्रतिशत से बढ़कर 15.3 प्रतिशत पर पहुंच गया है. एजुकेशन के मामले में भी ब‍िहार के स्‍कूलों में नामांकन में 4% का इजाफा देखने को म‍िला है.


एमपी की इकोनॉमी में तेजी

मध्य प्रदेश की इकोनॉमी 2011-12 और 2021-22 के बीच औसतन 6.6 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ी है. एमपी 1 ट्रिलियन रुपये और इससे ज्‍यादा की जीएसडीपी वाले राज्यों में चौथे नंबर पर है. 2023-24 के ल‍िए 13.87 लाख करोड़ की जीडीपी का अनुमान जताया गया है. साल 2021-22 में राज्‍य की जीडीपी 11,36,137 करोड़ रुपये थी. मध्‍य प्रदेश में खन‍िजों का उत्‍पादन तेजी से बढ़ा है. एमपी में प्रत‍ि व्‍यक्‍त‍ि आय बढ़कर 1,40,853 रुपये पर पहुंच गई है. इसमें प‍िछले एक साल में 15 प्रत‍िशत से भी ज्‍यादा का इजाफा देखा गया. मुख्‍यमंत्री श‍िवराज स‍िंह ने प‍िछले द‍िनों दावा क‍िया था क‍ि राज्‍य में 1.87 लाख सूक्ष्म उद्योग की शुरुआत हुई है. इन उद्योगों से 15 लाख लोगों को रोजगार म‍िला है. धार्म‍िक पर्यटन की बात करें तो प्रदेश के नौ धार्म‍िक स्‍थलों पर सालभर में करीब 4 करोड़ लोग पहुंचे हैं.


राजस्‍थान के हालात

राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था बढ़कर 14.14 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है. अशोक गहलोत सरकार ने इसे अगले 7 साल में ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा है. प्रत‍ि व्‍यक्‍त‍ि आय साल 2022-23 में बढ़कर 1,56,149 रुपये पर पहुंच गई है. 2018-19 में यह आंकड़ा 1,06,604 रुपये पर था. राज्य की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 32.5 प्रतिशत है. प्रदेश में जस्ते और तांबे के बड़े भंडार हैं. देशभर में राजस्‍थान का सीमेंट उत्‍पादन में तीसरा नंबर है. नमक उत्‍पादन में भी राजस्‍थान का तीसरा नंबर है.


रिजर्व बैंक (RBI) ने गत वर्ष एक आर्टिकल में देश के पांच सबसे बीमारू राज्‍यों के बारे में ल‍िखा था. इन राज्‍यों में बिहार (Bihar) के अलावा पंजाब (Punjab), केरल (Kerala), राजस्थान (Rajasthan) और पश्‍च‍िम बंगाल (West Bengal) का नाम ल‍िया गया था.

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