छह महीने तक दावा, एक लाख पदों की नहीं जारी हो सकी विज्ञप्ति ,सीईटी, रीट सहित अन्य भर्ती अटकी, कई भर्तियों का परिणाम जारी फिर भी नौकरी की खुशियां दूर
सीकर.विधानसभा चुनाव के लिए घोषित आचार संहिता से बेरोजगारों की नौकरी की खुशियां थोड़ी दूर हो गई है। सरकार की ओर से छह महीने से एक लाख पदों पर भर्तियों का दावा किया जा रहा था।इस बीच विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता का ऐलान हो गया, लेकिन सरकार की ओर से एक लाख भर्तियों के लिए पदों का वर्गीकरण जारी नहीं किया जा सका। इस कारण प्रदेश के दस लाख से अधिक बेरोजगारों की नौकरी की खुशियां दूर हो गई है। बजट में सरकार ने प्रक्रियाधीन भर्तियों के अलावा एक लाख नई भर्ती कराने का दावा किया गया था। वहीं चिकित्सा विभाग की भर्तियों का प्रोविजनल व सीईटी का परिणाम जारी होने के बाद भी नौकरी की खुशियां नहीं मिल सकी है।
सीईटी: नहीं हो सकी सूची जारी, टूटी आस
लिपिक सहित कई भर्तियों के लिए कॉमन परीक्षा सीईटी कराई गई थी। इसकी सूची भी छह महीने से उलझी हुई है। सीईटी के परिणाम के जरिए बेरोजगारों को दस से अधिक विभागों में नौकरी मिलनी थी।
चिकित्सा विभाग: अस्थाई रिजल्ट जारी
चिकित्सा विभाग की ओर से सात श्रेणी की भर्ती होनी थी। इनमें से छह श्रेणी का प्रोविजनल परिणाम भी जारी हो चुका है। फार्मासिस्टम भर्ती का अभी तक परिणाम भी जारी नहीं हुआ है। विभाग की ओर से लगातार दावा किया जा रहा था कि आयोग से अनुमति ले ली गई है। इसके बाद भी अभी तक एक भी श्रेणी की भर्ती के बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल सकी है।
रीट: 20 हजार पदों का खाका तैयार, आचार संहिता में अटका
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जरिए तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए रीट रीक्षा कराने की मांग बेरोजगारों की ओर से छह महीने से उठाई जा रही है। सरकार का तर्क है कि पुरानी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के पूरा होने पर नई रीट कराई जाएगी। इस बीच प्रदेश में आचार संहिता का ऐलान हो गया। ऐसे में तीन लाख से अधिक बेरोजगारों की नौकरी की खुशियां दूर हो गई है।
और ये बोले युवा....
अमित का कहना है कि चिकित्सा विभाग सहित अन्य विभागों की अटकी भर्तियों का परिणाम जारी करना चाहिए। इससे बेरोजगारों को नौकरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा।
मनदीप जाखड़ का कहना है कि सरकार की ओर से एक लाख पदों की विज्ञप्ति यदि आचार संहिता से पहले जारी की जाती तो बेरोजगारों को तैयारी में आसानी रहती। वहीं परीक्षा एजेन्सियों की ओर से अचानक परीक्षा कलैंडर में बदलाव किया गया। इससे बेरोजगारों की आस टूटी है।
एक्सपर्ट व्यू....
आचार संहिता की वजह से भर्तियों का केलेंडर प्रभावित होता है। चुनाव होते ही परीक्षाएं फिर से होगी। ऐसे में युवाओं को अपनी तैयारी लगातार जारी रखनी चाहिए। ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं का सिलेबस भी पहले से घोषित है, इसलिए बेरोजगारों को अपनी तैयारी को मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। कर्मचारी चयन बोर्ड व राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से कई परीक्षाओं का केलेंडर पहले से जारी है।-परमेश्वर शर्मा, एक्सपर्ट
सूचना सहायक सीधी भर्ती परीक्षा: 21 जनवरी 2024
संविदा नर्स सीधी भर्ती परीक्षा: 3 फरवरी, 2024
संविदा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सीधी भर्ती परीक्षा: 3 फरवरी
कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा: 4 फरवरी
कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार सीधी भर्ती परीक्षा: 11 फरवरी
संगणक सीधी भर्ती परीक्षा: 3 मार्च
पर्यवेक्षक (महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता) सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
सुपरवाइजर (महिला अधिकारिता) सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
उप कारापाल सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
छात्रावास अधीक्षक ग्रेड- सैकंड: मार्च-अप्रैल, 2024
पर्यवेक्षक महिला सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
प्लाटून कमांडर सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
छात्रावास अधीक्षक ग्रेड- थर्ड (अल्पसंख्यक मामलात विभाग): मार्च-अप्रैल
कनिष्ठ सहायक संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल
जिलेदार (सिंचाई) सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल, 2024
कनिष्ठ अभियंता संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा: मार्च-अप्रैल, 2024
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