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बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

अब शिक्षकों को रास नहीं आ रहा ऑनलाइन उपस्थिति का फरमान, विरोध में उतरे संगठन


 अब शिक्षकों को रास नहीं आ रहा ऑनलाइन उपस्थिति का फरमान, विरोध में उतरे संगठन

डीग. प्रदेश सरकार की ओर से चुनावी वर्ष में शिक्षकों पर नकेल कसने के लिए शुरू किया गया शाला दर्पण शिक्षक मोबाइल एप पर ऑनलाइन उपस्थिति का शिक्षक संगठनों की ओर से खुलकर विरोध किया जा रहा है। विरोध में शिक्षक संगठनों की नाराजगी के बाद मंगलवार को निदेशालय माध्यमिक शिक्षा ने एनआईसी से मिली सूचना के अनुरूप तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए आगामी आदेशों तक ऑनलाइन उपस्थिति की कार्रवाई को स्थगित कर दिया है।बता दें कि आदेश के विरोध में शिक्षक संगठनों का चहुंओर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। शिक्षक संगठनों ने खुला मोर्चा खोलते हुए ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध जताना शुरू दिया है।


नेटवर्क बन रहा है बड़ी समस्या

जिला मुख्यालय पर ही भीतरी शहर में नेटवर्क की समस्या है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या अधिक है। ऐसे में विद्यालय में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाने के आदेश की पालना असंभव ही दिख रही है। शिक्षकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों को ऑनलाइन पोर्टल को चलाने का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया।


ई-मित्रों पर करवा रहे हैं शिक्षक कार्य

विद्यालयों में नहीं तो प्रशिक्षित कम्प्यूटर शिक्षक हैं और नहीं वहां तीव्र गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी है। ऐसे में शाला दर्पण पोर्टल से जुड़े विभिन्न कार्य भी शिक्षक ई-मित्रों एवं साइबर कैफे पर जाकर करवा रहे हैं। ऐसे में विद्यालय से जुड़ी समस्त जानकारियां भी बाहर बाजार में आम हो रही हैं। वहीं, शिक्षक विद्यालय में अध्यापन का कार्य भी नहीं करवा पा रहे हैं।


यह किया है प्रावधान

प्रदेश के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को अपने निजी मोबाइल फोन में शाला दर्पण शिक्षक एप डाउनलोड करने को कहा है। इसमें स्टॉफ विंडो आईडी से अपने स्वयं की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज़ करने के बाद कक्षाध्यापक की ओर से प्रथम कालांश में विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का प्रावधान किया है। यह शिक्षकों को रास नहीं आ रहा था। उनका कहना था कि यह शिक्षकों के साथ अन्याय है।


नेटवर्क भी परेशानी

यह आदेश एक तरह से शिक्षकों की निष्ठा पर सवाल खड़ा करता है। कई शिक्षकों पर एंड्रॉइड मोबाइल तक नहीं हैं। वहीं नेटवर्क की भी परेशानी रहती है। पहला की कालांश हाजिरी में ही निकल रहा है। जिससे पढ़ाई भी बाधित होगी। संगठन ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्यता का विरोध करता है।-अर्चना शर्मा, अध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) सीकरी



नवाचार सिर्फ धोखा

सरकार की ओर से एप के माध्यम से उपस्थिति लेने के विषय को लेकर शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने विभागीय अधिकारियों के समक्ष रोष जताते हुए अपनी बात रखी है। नवाचार के नाम पर शिक्षकों के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने वाले बिना संसाधनों के नई व्यवस्था से निश्चित रूप से प्रथम कालांश से ही शिक्षार्थियों की पढ़ाई बाधित होगी। लाखन सिंह जघीना, जिलामंत्री डीग-भरतपुर, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)


सुरक्षा की मांग

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक ने ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। जहां शिक्षकों के निजी मोबाइल पर शाला दर्पण शिक्षक एप डाउनलोड कराने के आदेश का विरोध किया है। शिक्षक का कार्य अध्ययन अध्यापन का होता है। संगठन ने साइबर सुरक्षा की गारंटी की भी मांग की है।-सुनील गुप्ता, अध्यक्ष राज. शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) डीग


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