योजनाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए निजी स्कूलों का होगा भौतिक सत्यापन
बीकानेर. निजी स्कूलों में सरकारी योजनाओं की कितनी क्रियान्विति हो रही है। विद्यार्थियों को कितना फायदा पहुंचा रहा है। फीस पुनर्भरण के लिए बताई गई विद्यार्थियों की संख्या कितनी सही और कितनी गलत है। इन सभी की जांच के लिए निजी स्कूलों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों की संख्या के आधार पर दलों का गठन करेंगे। दलों का गठन केवल उन्हीं विद्यालयों के लिए किया जाएगा, जिनमें आरटीई के तहत नि:शुल्क शिक्षा, इन्दिरा महिला शक्ति फीस पुनर्भरण योजना अथवा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
प्रत्येक दल में शामिल दोनों सदस्यों का चुनाव एक ही विद्यालय से किया जाएगा। एक सत्यापन दल को अधिकतम 3 विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। सत्यापन दल का मुखिया राजपत्रित अधिकारी होगा तथा एक अन्य सदस्य उपलब्धता के आधार पर व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक तथा लिपिक वर्ग का होगा। जबकि प्रारम्भिक शिक्षा में पर्याप्त संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में दलों के अध्यक्ष के रूप में माध्यमिक शिक्षा से प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक तथा व्याख्याता लिए जा सकेंगे। शेष एक सदस्य उच्च प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक तथा अध्यापक हो सकता है।
दल इसका करेंगे भौतिक सत्यापन : विशेष सत्यापन दल जिले में विद्यालयों की संख्या का एक प्रतिशत अथवा 20 विद्यालय जो भी अधिक हो, का अनिवार्य रूप से सत्यापन करेंगे। इसके अलावा दल उन विद्यालयों का पुन: सत्यापन करेंगे, जो सत्यापन दलों द्वारा सत्यापित किए जा चुके हैं। निरीक्षण से पूर्व उन विद्यालयों की मूल सत्यापित रिपोर्ट को साथ लेकर जाएंगे तथा मूल सत्यापन से भिन्नता मिलने पर विशेष सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा मूल सत्यापन रिपोर्ट में लाल स्याही के लेन से आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। 7 नवंबर तक विद्यालयों में सत्यापन करना होगा। यह कार्य एक सप्ताह तक पूरा करना होगा तथा आगामी 15 दिनों में सत्यापन रिपोर्ट को अपलोड करना होगा।
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