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बुधवार, 18 अक्तूबर 2023

तृतीय श्रेणी अध्यापकों के भरोसे जयसिंहपुरा का सीनियर स्कूल,शिक्षा विभाग के अधिकारियों का नहीं कोई ध्यान

 


तृतीय श्रेणी अध्यापकों के भरोसे जयसिंहपुरा का सीनियर स्कूल,शिक्षा विभाग के अधिकारियों का नहीं कोई ध्यान

बसवा. एक और तो सरकार सरकारी विद्यालय में नामांकन बढ़ाने के लिए जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में अव्यवस्था होने के कारण बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। जानकारी के अनुसार कस्बे से 3 किलोमीटर दूर जयसिंहपुरा फाटक पर अलवर सिकंदरा मेगा हाईवे व जयपुर दिल्ली रेल मार्ग के बीच में पहले से उच्च प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत था ।


राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समय 19 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यालय को सीनियर करने के आदेश जारी कर दिए । मुख्यमंत्री के आदेश के बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तुरंत ही कक्षा नवी व दसवीं चालू करने के आदेश जारी कर दिए । इस समय विद्यालय में कक्षा 9 व 10 संचालित हो रही है । विद्यालय में कुल 96 बच्चे पढ़ाई करते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने आज तक विद्यालय में सीनियर विद्यालय के लिए अध्यापकों के पद स्वीकृत नहीं किया। सीनियर विद्यालय के लिए माध्यमिक विभाग से कोई बजट भी स्वीकृत नहीं हुआ। इस कारण आज भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों को ही दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ रही है। विद्यालय में कुंल 7 शिक्षक लगे हुए हैं ।


उन्हें 7 शिक्षकों के अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज तक विद्यालय में प्रधानाचार्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व विद्यालय के कार्य करने के लिए बाबू भी नहीं लगाया। इस कारण इन तृतीय श्रेणी शिक्षकों को ही प्रधानाचार्य से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के कार्य करने पड़ रहे हैं । तृतीय श्रेणी शिक्षक को ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य का चार्ज दे रखा है। विद्यालय कार्य के अलावा इन शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई भी करानी पड़ रही है । विद्यालय के सारे कार्य और कक्षा 9 व10 को पढ़ाई कराने में शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।


इस वर्ष दसवीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड की परीक्षा है, लेकिन विद्यालय में शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही । छात्र-छात्राओं को शिक्षकों की कमी के कारण साल खराब होने का डर लग रहा है , लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी आंखें बंद करके बैठे हुए हैं।



भवन के हाल-बेहाल, छह कमरों में दस कक्षाओं का संचालन

विद्यालय में बने भवन के भी हाल बेहाल हो रहे हैं । विद्यालय में करीब 10 कमरे बने हुए हैं, लेकिन दो कमरों के ऊपर की छत लटक रही है। जो कभी भी गिर सकती है। इसके कारण विद्यालय प्रशासन ने कमरों के ताला लगा रखा है। दो कमरों की छत ऊपर से खराब होने के कारण थोड़ी सी बरसात होते ही पानी टपकने लग जाता है । जिसके कारण विद्यालय प्रशासन को 6 कमरों में ही दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ रही है । एक-एक कमरे में दो दो कक्षाएं संचालित हो रही है । एक कमरे में दो कक्षाएं संचालित होने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विद्यालय में शिक्षक लगाने के बारे में अवगत करा दिया, लेकिन अधिकारियों का इस विद्यालय की ओर कोई ध्यान नहीं है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई चौपट होती हुई नजर आ रही। कार्यवाहक प्रधानाचार्य लालाराम मीणा ने बताया कि शिक्षकों की कमी व अन्य समस्याओं के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा रखा है। जल्दी ही समाधान हो जाएगा।



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