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सोमवार, 2 अक्तूबर 2023

कसी लगाम: हाजिरी में गड़बड़ी अब पड़ेगी भारी, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति अब होगी ऑनलाइन



 कसी लगाम: हाजिरी में गड़बड़ी अब पड़ेगी भारी, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति अब होगी ऑनलाइन

दौसा. सरकारी स्कूलों में बच्चों की हाजिरी अब ऑनलाइन होगी। दो अक्टूबर गांधी जयंती से कक्षा अध्यापक शाला दर्पण शिक्षक एप पर ये हाजिरी अनिवार्य रूप से करेंगे, जो उन्हें रियल टाइम में पहले ही पीरियड में करनी होगी। इस संबंध में शिक्षा निदेशक ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह व्यवस्था लागू होने पर हाजिरी में गड़बड़ी करना शिक्षकों व संस्था प्रधान को भारी पड़ सकता है, क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति करने के बाद निरीक्षण के दौरान सत्यापन में अनुपस्थित मिलने पर कार्रवाई होगी।


निदेशालय के निर्देशों के अनुसार पहले खुद की और फिर बच्चों की हाजिरी शुरुआत में केवल राउमावि के कक्षा अध्यापकों को ही करनी होगी। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल में एप इंस्टॉल कर पहले अपनी हाजिरी ऑनलाइन करनी होगी।इसके बाद अपने सेक्शन का चयन करते हुए पहले पीरियड में ही बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन करनी होगी। कक्षा अध्यापकों के अलावा बाकी स्टाफ फिलहाल अपनी खुद की हाजरी ही एप पर करेंगे।


नेटवर्क व सर्वर बड़ी चुनौती

शिक्षा विभाग की इस कवायद में ग्रामीण क्षेत्रों का इंटरनेट का नेटवर्क बड़ी चुनौती होगा। जिले सहित प्रदेश के कई गांवों में इंटरनेट नेटवर्क माकूल नहीं होने पर एप पर हाजिरी करना शिक्षकों के लिए परेशानी बनेगा। वहीं शाला दर्पण के सर्वर की गति भी परेशानी पैदा कर सकती है। शिक्षकों के अनुसार आए दिन सर्वर के धीमे चलने की समस्या रहती है, ऐसे में एक वक्त में जब प्रदेश की सभी स्कूलों से हाजिरी की जाएगी तो सर्वर पर भार बढ़ेगा और परेशानी खड़ी हो सकती है।


निरीक्षण के दौरान करेंगे जांच

बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी का डेटा शाला दर्पण पर उपस्थित मॉड्युल से लिंक होगा। इसके बाद यह डेटा स्कूल से लेकर ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर तक के कार्यालयों पर प्रदर्शित होने लगेगा। ऐसे में यदि कोई शिक्षक रियल टाइम में हाजिरी नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे निरीक्षण के दौरान स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था का अवलोकन करें। लापरवाही बरतने पर शिक्षक या संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करें।

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