Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

चार साल सरकारी योजनाओं में कटौती, चुनावी साल में वेतन-पेंशन पर मार

 

चार साल सरकारी योजनाओं में कटौती, चुनावी साल में वेतन-पेंशन पर मार

जयपुर. पहले महिलाओं को मोबाइल देने जैसी योजना ठंडे बस्ते में रही और चुनावी साल में योजनाएं लागू करने के फेर में वेतन-पेंशन के लिए हाथ तंग हो गए, यह स्थिति पिछले पांच साल की ही नहीं है वर्षों से ऐसी ही समस्या राजस्थान झेल रहा है। उधर, वित्त विभाग का दावा है कि अब पेंशन परिलाभ सेवानिवृत्त के दिन ही दे रहे हैं और रोडवेज जैसे सार्वजनिक उपक्रमों में भी वेतन-पेंशन के लिए महीनों इंतजार नहीं रहता।


पड़ताल करें तो सामने आता है सरकार आमदनी बढ़ाने में सफल नहीं हो पाती तथा कर्ज व उसके ब्याज का बोझ लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण आर्थिक प्रबंधन पटरी पर नहीं आता। इस साल सरकारी एजेंसियों की सक्रियता से एसजीएसटी राजस्व बढ़ा है, आचार संहिता के दौरान सख्ती से सरकार की आमदनी और बढ़ना तय है।


परन्तु नए जिलों से लेकर ताबड़तोड़ घोषणाओं से इस साल राज्य का खर्च बढ़ गया और अब बढ़े हुए डीए का भुगतान भी होना है। ऐेसे में आमदनी में सुधार हुआ है तो खर्च का चढ़ता ग्राफ भी सामने है। सीएजी को बताए अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार को अप्रैल के बाद राजस्व से 76151 करोड़ रुपए मिले और वेतन-पेंशन पर खर्च 36,941 करोड़ रहा।


विशेषज्ञ बोले...

वित्तीय अनुशासन का जिम्मा पक्ष-विपक्ष का

चुनाव के समय उदारता बढ़ जाती है। वित्तीय प्रबंधन का सिद्धान्त है राजस्व के अनुसार खर्च करो। सवाल है- क्या मुफ्त मोबाइल बांटना आवश्यक था। बजट के बाद सरकार ने विधानसभा से 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त खर्चा करने की अनुमति ली, तो उस पर व्यापक चर्चा भी होनी चाहिए थी। वित्तीय अनुशासन के लिए पक्ष-विपक्ष दोनों जिम्मेदार हैं।-प्रो. सी एस बरला, अर्थशास्त्री


वित्त विभाग का दावा...स्थितियों में किया सुधार

वित्त विभाग का दावा है-कर्मचारियों व पेंशनरों को केन्द्र के समान मंहगाई भत्ता दिया। पहले पेंशन 3 से 9 माह बाद मिलती थी, अब सेवानिवृत्ति के दिन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन देरी से मिलती थी, अब पिछले माह तक की दी जा चुकी। प्रतिमाह न्यूनतम 1000 रु. पेंशन व सालाना 15% वृद्धि लागू की। आरजीएचएस में इस वित्तीय वर्ष में कॉनफेड को 400 करोड़ तथा अनुमोदित अस्पताल व फार्मेसियों को 1200 करोड़ दिए। रोडवेज में 7वां वेतन आयोग व ओपीएस लागू की, पहले वेतन-पेंशन 4-5 माह देरी से मिलते थे।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें