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सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

चुनाव ड्यूटी अब आसानी से नहीं होगी निरस्त, नहीं चलेगा कोई बहाना

 चुनाव ड्यूटी अब आसानी से नहीं होगी निरस्त, नहीं चलेगा कोई बहाना


बीमारी का बहाना बनाने वालों के लिए मेडिकल बोर्ड की टीम गठित, अन्य मामलों की भी अधिकारी कर रहे जांच

नागौर. अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग तैयारियों में जुटा है। चुनाव सम्पन्न कराने के लिए कर्मचारियों एवं अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई जा रही है। चुनाव में ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए कुछ अधिकारी और कर्मचारी तरह-तरह के जुगाड़ लगा रहे हैं। वे इसके लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। कोई बीमारी का कारण बता रहा है तो किसी ने शादी के चलते जिला निर्वाचन कार्यालय में चुनाव ड्यूटी से नाम काटने के लिए अर्जी दी है।


इधर, जिला निर्वाचन विभाग ने भी चुनाव ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए ऐसे मापदंड तय किए हैं कि कोई भी आसानी से अपनी ड्यूटी निरस्त नहीं करवा सकेगा। बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी से बचने का प्रयास करने वालों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अमित यादव ने जेएलएन अस्पताल के पीएमओ की अध्यक्षता में एक मेडिकल बोर्ड गठित किया है, जिसकी जांच के बाद ही आगे का निर्णय किया जाएगा। रिपोर्ट सही पाए जाने पर ही बीमार कर्मचारी व अधिकारी को चुनाव में ड्यूटी करने से मुक्ति मिलेगी।


गौरतलब है कि राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चुनाव का मौसम है। ऐसे में जिले के अलग-अलग विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात किया जा रहा है। अब ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए सैकड़ों आवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में पहुंच रहे हैं।


इस बार शादियां ज्यादा, इसलिए आवेदन भी ज्यादा


ऐसे को नहीं लगाना चाहते जो चुनाव में मुस्तैद नहीं

चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने के लिए आवेदन देने वालों को पूरी जांच पड़ताल के बाद ही ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा। लेकिन अधिकारी ऐसे किसी कर्मचारी को भी ड्यूटी पर नहीं लगाना चाहते जो चुनाव में मुस्तैद नहीं रहें। इसलिए निर्वाचन विभाग कुछ कर्मचारियों को अतिरिक्त में रखना चाहता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनको कहीं भी भेजा जा सके।


40 जने रहे प्रशिक्षण में अनुपस्थित

जिले के 18 से 21 अक्टूबर तक चार स्थानों पर मतदान दलों का प्रथम प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें 40 जने अनुपस्थित रहे। उन्हें नोटिस जारी कर कारण पूछा गया है, जो बिना किसी कारण के अनुपस्थित रहे, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


सुरेश कुमार, ड्यूटी प्रभारी व सीईओ, जिला परिषद, नागौर


प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वालों को नोटिस


मतदान दलों को 18 से 21 अक्टूबर तक जिले बीआर मिर्धा राजकीय महाविद्यालय नागौर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेड़ता, श्रीबांगड़ राजकीय महाविद्यालय डीडवाना तथा भंवरीदेवी रामजीवन काबरा महिला शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय कुचामन सिटी में प्रथम प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान 40 कर्मचारी अनुपस्थित रहे, जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। जो कर्मचारी बिना किसी ठोस कारण के अनुपस्थित रहे, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए कुछ अधिकारी व कर्मचारी ने बीमारी का कारण बताकर ड्यूटी से नाम कटवाना चाहते हैं। इसमें कुछ वास्तव में बीमार हैं तो कुछ सामान्य बीमारी को ही कारण बताकर ड्यूटी से बचना चाहते हैं। हालांकि यह बहाना हर चुनाव में देखने को मिलता है, आमतौर पर आयोग इसे स्वीकार कर ड्यूटी निरस्त भी कर देता है, लेकिन इस बार आयोग ने इस पर सख्ती दिखाई है। इसलिए इस बार जिला निर्वाचन अधिकारी ने पीमएओ की अध्यक्षता में एक मेडिकल बोर्ड गठित किया है, जिसकी जांच रिपोर्ट के बाद ही चुनाव ड्यूटी निरस्त करनी है या नहीं, इसका फैसला किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीमारी का कारण बताने वालों की संख्या करीब 70 है।


चुनाव आयोग ने आमजन के विरोध के बाद राजस्थान में मतदान की तारीख भले ही 23 की बजाए 25 नवम्बर कर दी, लेकिन फिर भी जिनके घर में शादी-विवाह है, उनके लिए ड्यूटी करना काफी मुश्किल होगा। 23 नवम्बर को देवउठनी एकादशी का बड़ा सावा होने के चलते शादियां भी कई हैं, ऐसे में जिनके घर-परिवार में शादी है, वे चुनावी ड्यूटी निरस्त कराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ड्यूटी केवल उन्हीं की निरस्त होगी, जो दूल्हा या दुल्हन के बहुत नजदीकी रिश्तेदार हैं, जैसे पिता, भाई, बहन, मां।

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