जोधपुर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को किया तलब, अगली सुनवाई सात नवंबर को टीएसपी से नॉन टीसएपी जिले में शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला
पूर्व में आदेश के मुताबिक जवाब नहीं मिलने पर न्यायाधीश हुए नाराज
नागौर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए सात नवंबर तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। यदि सात नवंबर तक जवाब पेश नहीं हो तो प्रमुख शासन सचिव न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें। मामला टीएसपी ( अधिसूचित क्षेत्र) में कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों का है, जिन्होंने सामान्य (नॉन टीएसपी) जिलों में स्थानांतरित होने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। नागौर समेत एक दर्जन जिलों के सौ से अधिक शिक्षकों की याचिका एडवोकेट रामदेव पोटलिया की ओर से दाखिल की गई है। ये शिक्षक करीब 15 साल से टीएसपी क्षेत्र में वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक व प्रबोधक के पद पर कार्यरत हैं। टीएसपी से नॉन टीएसपी में स्थानान्तरण व समायोजन की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरुण भंसाली ने शिक्षा सचिव को तलब कर व्यक्तिगत रूप से 07 नवम्बर को पेश होने का आदेश दिया है।
सूत्रों के अनुसार गत 2 सितम्बर को हुई सुनवाई पर इस संबंध में 14 सितम्बर को उक्त याचिका में आवश्यक कार्यवाही से संबंधित स्थिति स्पष्ट करने और जवाब पेश करने को कहा गया था। न्यायालय ने पूर्व में वरिष्ठता व विकल्प पर कार्यवाही से संबंधित स्पष्टीकरण मांगा था, पर विभाग की ओर कोई संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से 14 सितम्बर के बजाय 16 अक्टूबर को जवाब पेश किया गया। विभाग का जवाब न्यायालय के पारित आदेश के अनुसार पेश नहीं किया। ना ही न्यायालय ने इसे संतोषजनक माना। इस पर जस्टिस अरुण भंसाली ने नाराजगी जताते हुए 7 नवम्बर तक जवाब दें।
यह है मामला : शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक व शारीरिक शिक्षक लम्बे समय से टीएसपी क्षेत्र में कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग के निदेशक ने गत 30 जुलाई को करीब 1903 शिक्षकों को टीएसपी से नॉन टीएसपी में समायोजन/स्थानान्तरण के आदेश जारी किए। करीब आठ सौ शिक्षक नॉन टीएसपी जिलों व गृह जिले में स्थानान्तरण चाह रहे थे, उनका समायोजन नहीं किया गया। इनके विकल्प पत्र भरने के बाद भी यह नहीं हुआ। वरिष्ठ अध्यापक राहुल डांगी, ततीय श्रेणी अध्यापक मुनीष कुमार, प्रमोद कुमार, महेशचंद्र तिवाड़ी सहित करीब सौ से अधिक शिक्षकों ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है।
इनका कहना है
अधिसूचित क्षेत्र में लम्बे समय से कार्यरत शिक्षकों की ओर से गृह जिले में स्थानांतरण/समायोजन की याचिका पर सुनवाई थी। शिक्षा विभाग के जवाब से नाखुश राजस्थान उच्च न्यायालय ने आगामी सात नवंबर तक जवाब देने को कहा है। नागौर के अलावा उदयपुर, प्रतापगढ़, गंगानगर, भरतपुर, जयपुर जिलों के सौ से अधिक शिक्षकों का मामला है।-रामदेव पोटलिया, एडवोकेट, जोधपुर हाईकोर्ट
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