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बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

आंदोलन की अनदेखी, कहीं और कर दी विद्यालयों की क्रमोन्नति


 आंदोलन की अनदेखी, कहीं और कर दी विद्यालयों की क्रमोन्नति

हनुमानगढ़. राज्य सरकार ने पिछले दो-तीन साल में थोक के भाव विद्यालय क्रमोन्नत किए हैं। हालांकि तुलनात्मक रूप से हनुमानगढ़ जिले में क्रमोन्नत विद्यालयों की संख्या अन्य कई जिलों से कम ही रही है। जिले में भी खास तौर पर पीलीबंगा एवं संगरिया ब्लॉक में क्रमोन्नति की सौगात कम मिली है। विधानसभा चुनाव आचार संहिता कुछ ही दिन में लगने की संभावना है। इस बीच राज्य सरकार ने राउप्रावि से राउमावि में क्रमोन्नत विद्यालयों की एक और सूची जारी की है।


इसमें प्रदेश के 86 उप्रावि को उमावि बना दिया गया है। इस सूची में हनुमानगढ़ जिले के तीन विद्यालय शामिल हैं। हालांकि पीलीबंगा ब्लॉक के गांव सरामसर में राउप्रावि को राउमावि में क्रमोन्नत करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों तक चलाए गए आंदोलन के बावजूद ग्रामीणों को इस ताजा सूची में क्रमोन्नति की सौगात नहीं मिल सकी है। यद्यपि अभी चुनाव आचार संहिता लगने में कुछ दिन शेष हैं। अगर राज्य सरकार ने अंतिम समय में क्रमोन्नत स्कूलों की और सूची जारी की तो सरामसर के लोगों को भी उम्मीद रहेगी। ऐसा नहीं हुआ तो फिर इस शिक्षा सत्र में क्रमोन्नति भूल ही जाइए।


इनको किया क्रमोन्नत


माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी सूची के अनुसार हनुमानगढ़ ब्लॉक के राउप्रावि दूधवाली ढाणी, नोहर ब्लॉक के राउप्रावि दुर्जाना तथा रावतसर ब्लॉक के राउप्रावि बानासर को राउमावि में क्रमोन्नत किया गया है। इन क्रमोन्नत विद्यालयों में कक्षा नौ एवं दस का संचालन इसी शिक्षा सत्र से ही होगा। जबकि आगामी सत्रों में कक्षा 11 व 12 का संचालन हो सकेगा।


अब नहीं कोई रामावि


पहले जिले में राउप्रावि से रामावि में क्रमोन्नत किया जाता था। ऐसे में कई विद्यालय बरसों बरस रामावि के रूप में ही संचालित होते रहते थे। मगर इस बार राज्य सरकार राउप्रावि को सीधे ही राउमावि में क्रमोन्नत कर रही है। यही वजह है कि जिले में माध्यमिक शिक्षा सेटअप में एक भी रामावि नहीं है। हिन्दी माध्यम के कुल 379 विद्यालय हैं जो सभी राउमावि हैं।



पीलीबंगा के गांव सरामसर के राउप्रावि को उमावि में क्रमोन्नत करवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने गत माह 15 तारीख को विद्यालय के समक्ष बेमियादी धरना शुरू किया था। दस दिन धरने के बावजूद सुनवाई नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने 26 सितम्बर को 34 एसटीजी के समीप फोरलेन रोड पर चक्का जाम कर दिया। इसके बाद कलक्टर के निर्देश पर एसडीएम संजना जोशी ने आंदोलनकारियों से वार्ता की। मांग पत्र को कलक्टर के मार्फत शिक्षा विभाग के निदेशक को भिजवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने धरना स्थगित कर दिया था। ग्रामीण बग्गासिंह गिल, सरपंच सुखविंदर कौर आदि आश्वासन को दस दिन बीतने के बावजूद मांग पूरी नहीं होने से नाराज हैं। ग्रामीण पुन: आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं।


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