‘विकास का विजन हो, शिक्षा तथा रोजगार पर दें ध्यान’
खिरनी. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गांवों के हालात अभी जस के तस हैं। खिरनी नगर पालिका क्षेत्र में पिछले कई सालों से बिजली, उच्च शिक्षा और रोजगार की समस्या से जूझ रहे गांवों के युवा इस बार अपने अधिकारों को लेकर मुखर है। विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही युवा मतदाताओं में उत्साह है। युवाओं का कहना है कि इस बार भी ऐसे प्रत्याशी को मतदान करेंगे, जो उनकी मांगों को पूरा करें। शिक्षा के साथ रोजगार के साधन विकसित करें। खिरनी नगर पालिका में 11 हजार मतदाता होने के बाद भी राजनीति दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। रोजगार नहीं होने के कारण यहां के युवा जयपुर की ओर पलायन कर रहे हैं। युवा वर्ग का मन टटोला गया तो उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी।
सभी को करना चाहिए मतदान
विधानसभा चुनाव में युवाओं को अधिक अवसर देने से ही उनके मुद्दों पर प्रभावी ढंग से काम होगा और उनकी समस्याओं का समाधान होगा। सभी लोगों को मतदान आवश्यक रूप से करना चाहिए। अन्य को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए। मतदाताओं को किसी भी लोभ, लालच, स्वार्थ में न पड़ कर देश हित में मतदान करना चाहिए।साथ ही चुनाव के समय राजनीति के चक्कर में न आकर अपने आस पड़ोस व दोस्तों से संबंध खराब नहीं करेँ।-गोविंद प्रसाद गर्ग, युवा
रोजगार के अवसर बढ़ें
अभी के समय युवाओं को रोजगार की जरूरत है। सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग धंधों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जिससे युवाओं को रोजगार मिले। सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र के बनास नदी स्थित बिदरखां इंडस्ट्रीज क्षेत्र का कार्य भी ठंडे बस्तर पर चल रहा है। यहां फैक्ट्रियां खुलने के बाद युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिल सकता है, लेकिन धरातल पर उनकी घोषणाएं चुनावी बातें बनकर रह जाते हैं।-विष्णु गर्ग, एलआईसी सलाहकार।
महाविद्यालय की पूरी नहीं हुई मांग
क्षेत्र में 11 हजार से अधिक वोटर है। कस्बे सहित आसपास के कई गांव होने के बावजूद भी ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से महाविद्यालय की मांग उठ रही है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जो भी विधायक बना उन्होंने यहां महाविद्यालय खोलने में रुचि नहीं दिखाई। उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को 30 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर पीजी कॉलेज में जाना पड़ता है। ऐसे में क्षेत्र में एक महाविद्यालय खुले तो विद्यार्थियों को अन्यंत्र जाने से से निजात मिले।-नरेंद्र गौतम, छात्र खिरनी।
जनता की बने आवाज
प्रत्याशी शिक्षित होना चाहिए जो भी सरकार आए शिक्षा व चिकित्सा पर कम करें वर्तमान की बात करें तो कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है तो सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं। नेता ऐसा हो जो जनता की आवाज को जोर-जोर से सरकार के समक्ष उठा सके। ऐसे में जनता को जागरूक प्रत्याशी की जरूरत महसूस होती है। इसके अलावा बेटियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाएं और शक्ति से उन्हें लागू करें।-पिंटू सोनी, युवा खिरनी।
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