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शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

दोहरे मापदण्ड : शिक्षकों की पदस्थापन प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल



 दोहरे मापदण्ड : शिक्षकों की पदस्थापन प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल

डूंगरपुर. जिले में क्रमोन्नत विद्यालयों, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों से अधिशेष तथा नवीन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे है। विभाग की ओर से नई एमजीएसएस एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने से सैकड़ों शिक्षक को सम्बन्धित स्कूल से अधिशेष करते हुए पोर्टल से हटा दिया गया। जिससे शिक्षकों को सितम्बर माह से वेतन बकाया चल रहा है। इसके अलावा तृतीय श्रेणी शिक्षक नई भर्ती में जिस स्कूल में विषय वार पद पर कार्यरत शिक्षक के बावजूद उसी स्कूल में उस विषय के नए शिक्षक को भी नियुक्ति ऑर्डर जारी कर दिया, जबकि उसी विषय का पद दूसरी स्कूलों में पहले से ही रिक्त थे। व्यवस्थाएं गड़बड़ाने पर राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम लोकतांत्रिक ने निदेशक माध्यमिक बीकानेर को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।


ऐसे भी बिगड़ी व्यवस्था

डूंगरपुर जिले में हिन्दी विषय लेवल टू के अतिरिक्त अन्य विषय लेवल टू अंग्रेजी, गणित विज्ञान, संस्कृत, एवं सामाजिक विज्ञान की नियुक्ति में भी इसी प्रकार से नियमों का अतिक्रमण करते हुए सैकड़ों शिक्षकों को नियुक्ति आदेश जारी किए है। इसी कारण जिले में अधिशेष शिक्षकों एवं नव नियुक्त शिक्षकों के वेतन आहरण में गंभीर समस्या पैदा हो गई है।


शिक्षक संगठन भी मुखर

राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम लोकतांत्रिक के पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षको के अधिशेष होने के उपरांत परामर्श शिविर के माध्यम से रिक्त पदों पर समायोजित करने की कार्रवाई नहीं की गई। विभाग ने क्रमोन्नत, एमजीएसएस, स्कूलों में रिक्त पदों को स्वीकृत करना चाहिए था तथा नामांकन वृद्धि के अनुसार भी पदों को बढ़ाकर पद स्वीकृत करने चाहिए थे। अधिशेष शिक्षको को समायोजित नही करने एवं स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार पदों को स्वीकृत नहीं करने के बावजूद आनन फानन में विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 के अनुसार जिले में कई शिक्षको को पद के विरुद्ध तथा पद नहीं होने पर भी कार्यग्रहण कराया, जिससे वेतन व्यवस्था गड़बड़ा गई। इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।


यह तो महज बानगी

आसपुर ब्लॉक की सैकंडरी सेटअप में हिंदी लेवल 2 के चार स्कूलों में चार पद स्वीकृत थे, लेकिन नॉम्स का अतिक्रमण करते हुए रिक्त पद के अलावा जहां पद ही नहीं थे ऐसी 9 स्कूलों मैं नो जनों को नियुक्ति आदेश जारी कर दिए। जबकि एक रिक्त पद की स्कूल को भरा ही नही। साथ ही खलील स्कूल में एक पद होने के बावजूद हिन्दी के दो शिक्षक लगा दिए।


आसपुर ब्लॉक के प्रारंभिक सेट अप की चार स्कूलों मैं चार पद रिक्त होने के बावजूद दो पदो पर ही नियुक्ति जारी की गई, दो स्कूलों को भरा ही नहीं जबकि दो पद जहां रिक्त ही नही थे, वहां नियुक्ति जारी कर दी गई।


साबला ब्लॉक हिन्दी लेवल टू के सैकेंडरी सेटअप में सिर्फ दो स्कूलों में दो पद ही रिक्त होने के बावजूद दो पदों के अलावा 10 स्कूलों में जहां पद ही नहीं थे, अन्य 10 जनों को नियुक्ति आदेश जारी कर दिए, जबकि एक स्कूल पाल निठुवा में दो हिन्दी विषय अध्यापकों को लगा दिया।


सागवाड़ा ब्लॉक के सैंकडरी सेटअप में हिन्दी लेवल टू के सिर्फ चार पद रिक्त होने के बावजूद एक ही रिक्त पद पर नियुक्ति दी गई। जबकि आठ स्कूल जहां हिन्दी विषय का कोई रिक्त पद नही होने पर भी 8 शिक्षकों को नियुक्ति दे दी। तीन पद रिक्त थे, वहां किसी शिक्षक को नहीं लगाया।


सीमलवाड़ा ब्लॉक के माध्यमिक सेटअप में एक ही एमजीएसएस स्कूल में रिक्त पद होने के बावजूद अन्य 8 स्कूल जहां कोई पद खाली नहीं था वहा 8 शिक्षकों को नियुक्त कर दिया। एक स्कूल थाम का तालाब जहां हिन्दी विषय का शिक्षक कार्यरत होने के बावजूद अन्य दो हिन्दी के शिक्षक लगा दिए।


डूंगरपुर ब्लॉक के प्रारंभिक सेटअप में चार पद रिक्त होने के बावजूद रिक्त पद पर एक को ही नियुक्त किया गया। तीन रिक्त पद पर नियुक्ति नहीं देकर जहां पद ही नहीं थे, वहां दो जनों को हिन्दी शिक्षक नियुक्त कर दिया।


डूंगरपुर के माध्यमिक सेटअप में 6 पद रिक्त होने के बावजूद रिक्त पद पर दो को ही नियुक्त किया जबकि पांच जनों को रिक्त पद नहीं होने पर हिन्दी शिक्षक लगा दिए। सुरपुर स्कूल में एक ही विषय के पद पर दो जनों को नियुक्त कर दिया। कई शिक्षक जो लेवल दो के है, उन्हे रिक्त पद होने के बावजूद प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। इससे स्कूलों में परेशानी आ रही है।


डूंगरपुर. राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने शासन सचिव को पत्र प्रेषित कर शिक्षकों के वेतन भुगतान की मांग की है।

संघ ने पत्र में बताया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकों एवं कार्मिकों के पदस्थापन किए जाने से पूर्व में कार्यरत शिक्षकों को समायोजन नहीं करने से यह शिक्षक अधिशेष हो गए हैं। उनके वेतन की समस्या आ रही है। साथ ही राज्य में उप्रावि से उमावि में कई विद्यालयों को क्रमोन्नत किया है। इसमें पूर्व में कार्यरत प्रारम्भिक शिक्षा के शिक्षक भी अधिशेष हो गए हैं। उनको भी वेतन नहीं मिल पा रहा है। दोनों मामले में रिक्त पद के अभाव में वेतन भुगतान नहीं होने की स्थिति बन गई है। इससे शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।


पत्र में बताया कि शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। तत्काल नए पद स्वीकृत करते हुए अथवा अन्य आवश्यक कार्रवाई कर दीपावली से पूर्व समस्त बकाया वेतन भुगतान के आदेश पारित करने की मांग की है। संगठन की जिला कार्यकारिणी एवं उपशाखा कार्यकारिणी ने वेतन व्यवस्था में आ रही विसंगति दूर कर वेतन भुगतान की व्यवस्था करने की मांग की है।


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