1509 स्कूलों में से सिर्फ 121 में स्वीकृत हैं लाइब्रेरियन के पद, इनमें से 54 रिक्त
चूरू | जिले में अब हर वर्ष 2 दिसंबर को लाइब्रेरी दिवस मनाया जाएगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सभी सीडीईओ तथा एडीपीसी (समग्र शिक्षा) को निर्देशित करते हुए 2 दिसंबर से स्कूलों में लाइब्रेरी दिवस मनाने को कहा है। इधर, जिले के 1509 में से 121 सरकारी स्कूलों में ही लाइब्रेरियन के पद स्वीकृत हैं, जिनमें 67 में ही कार्यरत हैं, बाकी 54 पद खाली हैं। इनमें ग्रेड थर्ड लाइब्रेरियन के 80 में से 57 कार्यरत एवं 23 रिक्त और ग्रेड सैकंड के 41 में से 10 कार्यरत एवं 31 पद रिक्त हैं।
इससे पूर्व स्कूलों की लाइब्रेरियों में पुस्तकों को श्रेणीवार कर अलमारी में उपलब्ध पुस्तकों को रैकवार स्पष्ट नाम अंकित करने, इस दिन से विद्यार्थियों को पुस्तकों का नियमित रूप से वितरण करने के निर्देश दिए गए हैं। लाइब्रेरी दिवस के दिन पुस्तकों के पढ़ने से होने वाले लाभों के बारे में मोटिवेशनल स्पीच का आयोजन करने को भी कहा है। इस अवसर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों तथा अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (समग्र शिक्षा) को अपने जिले में आयोजित कार्यक्रम के तीन फोटो ग्रुप में शेयर करने होंगे। सीडीईओ जगबीर सिंह यादव ने कहा कि इस संबंध में आदेश मिले हैं। संबंधित सीबीईओ को संस्थाप्रधानों को पाबंद करने के लिए कहा है।
सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरियन नहीं: सरकार ने लाइब्रेरी दिवस मनाने के निर्देश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि चूरू जिले के जिन स्कूलों में लाइब्रेरियां हैं, उनमें से कई में लाइब्रेरियन के पद ही स्वीकृत नहीं है। पद स्वीकृत हैं, उनमें भी पद रिक्त हैं। जिन स्कूलों में पुस्तकालय हैं, उनमें लाइब्रेरियन नहीं होने से किसी अन्य शिक्षक को इनका चार्ज दिया हुआ है। ऐसे स्कूलों की लाइब्रेरियों में पुस्तकों पर धूल जम रही है। कारण यह है कि जिन शिक्षकों के पास चार्ज है, उन्हें पुस्तकों को रखने, उन्हें वितरित कर उनका रिकॉर्ड रखने, पुस्तकों के निस्तारण करने का प्रशिक्षण नहीं मिला है।
लाइब्रेरियन लगाएं, कालांश नियमित लगें : शिक्षक संगठन
शिक्षक संगठनों का कहना है कि लाइब्रेरियों को आबाद करने के लिए पहले यह जरूरी है कि स्कूलों की लाइब्रेरियों में पुस्तकालय अध्यक्ष लगाए जाएं। इसके बाद पूर्व की तरह सप्ताह में एक दिन हर कक्षा के विद्यार्थी के लिए कक्षावार लाइब्रेरी का कालांश निर्धारित किया जाए, ताकि विद्यार्थियों में पुस्तकों को पढ़ने के प्रति रुचि बढ़े। शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया ने कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि कई स्कूलों में तो लाइब्रेरी के लिए कक्ष ही उपलब्ध नहीं हैं, तो कई स्कूलों में लाइब्रेरियन नहीं हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें