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शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

राजस्थान में बनेगी स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी, 30 हजार स्कूल जुड़ेंगे



 राजस्थान में बनेगी स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी, 30 हजार स्कूल जुड़ेंगे

अजमेर | महाराष्ट्र कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाद अब प्रदेश में भी स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एसएसएसए) बनेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह कवायद की जा रही है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध प्रदेश के करीब 30 हजार स्कूलों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके बनने से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती मिलेगी और स्कूलों के बीच प्रतिस्पधा भी बढ़ेगी। एसएसएसए को लेकर गुरुवार को जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक हुई। एनईपी के तहत राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों में इसका गठन किया जाना अनिवार्य है। फिलहाल देश के महाराष्ट्र कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में इसका गठन किया जा चुका है। अब राजस्थान में तैयारी चल रही है।


राज्य में यह ऑथोरिटी एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त डॉ. टी. शुभ मंगला ने बताया कि स्वतंत्र राज्यस्तरीय स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी के गठन, औचित्य एवं प्रारूप तैयारी के लिए 16 अक्टूबर को एक बैठक हो चुकी है। बैठक में एक वकिंग कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी द्वारा अब तक किए गए कार्य तथा एसएसएसए गठन एवं प्रारूप के संबंध में रोड मैप पर विस्तृत चर्चा के लिए डॉ. टी शुभ मंगला अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर, आरबीएसई सचिव नीतू यादव, निदेशक अकादमी राकेश स्वामी, निदेशक राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर, सीमेंट प्रतिनिधि सहित विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।


यह होगा फायदा: स्कूलों की हर वर्ष राज्य व जिलास्तरीय रैंकिंग बनेगी

एसएसएसए के गठन के बाद प्रत्येक स्कूल को स्कूली शिक्षा के एक मानक को पूरा करना होगा। स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (ट्रिपल एसए) इस पर नजर रखेगी। साथ ही स्कूलों की हर वर्ष राज्य और जिला स्तरीय रैकिंग भी तैयार करेगी। अभी तक इस तरह की रैंकिंग सिर्फ उच्च शिक्षण संस्थानों में ही तैयार की जाती है, जिनमें ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेज शामिल हैं। देशभर में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को एक जैसा बनाने व स्कूलों का एक मानक कायम रखने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई सिफारिशों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।


शिक्षा मंत्रालय ने इसके अमल की तैयारियों के साथ स्कूलों के मानक के लिए प्रारंभिक तौर पर ये मापदंड तय किए हैं

•सुरक्षा, मूलभूत ढांचा, सभी विषयों के कक्षावार शिक्षकों की संख्या - वित्तीय स्थिति इनोवेशन व प्रैक्टिस क्लास रूम की संख्या 

• बच्चों के सीखने को क्षमता में सुधार की स्थिति व प्रशासनिक क्षमता आदि को शामिल किया है। इन सभी जानकारियों को स्कूलों की ओर से ट्रिपल एसए की ओर से तैयार होने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हर वर्ष अपलोड करना होगा।


बोर्ड से जुड़े स्कूल शामिल होंगे

इस अथॉरिटी के तहत रा. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी और निजी स्कूल शामिल होंगे। यह अथारिटी एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी। 

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