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बुधवार, 15 नवंबर 2023

नई शिक्षा नीति के तहत होगा गठन, स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी ,स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने शुरू की तैयारी, 30 हजार स्कूल जुड़ेंगे



 नई शिक्षा नीति के तहत होगा गठन, स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी ,स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने शुरू की तैयारी, 30 हजार स्कूल जुड़ेंगे

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश में स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी बनाने की तैयारी की जा रही इमहाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाद इस दिशा में काम शुरू किया जा रहा है। इसमें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध प्रदेश के करीब 30 हजार स्कूलों को जोड़ा जाएगा।कमेटी के गठन होने से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती मिलेगी और स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। एनईपी के तहत राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों में इसका गठन किया जाना अनिवार्य है। फिलहाल देश के महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में इसका गठन किया जा चुका है। अब राजस्थान में तैयारी चल रही है। राज्य में यह ऑथोरिटी एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी।  


राज्य परियोजना के निदेशक का कहना है कि यह स्वतंत्र राज्य स्तरीय स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी के गठन, औचित्य एवं प्रारूप तैयारी के लिए 16 अक्टूबर को एक बैठक हो चुकी है। स्कूलों की हर वर्ष राज्य व जिला स्तरीय रैंकिंग बनेगी एसएसएसए के गठन के बाद प्रत्येक स्कूल को स्कूली शिक्षा के एक मानक को पूरा करना होगा। स्टेट स्कूल स्टैंडर्स अथॉरिटी (ट्रिपल एसए) इस पर नजर रखेगी। साथ ही स्कूलों की हर वर्ष राज्य और जिला स्तरीय रैंकिंग भी तैयार करेगी। अभी तक इस तरह की रैंकिंग सिर्फ उच्च शिक्षण संस्थानों में ही तैयार की जाती है, जिनमें ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेज शामिल हैं। देशभर में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को एक जैसा बनाने व स्कूलों का एक मानक कायम रखने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई सिफारिशों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।



  • वित्तीय स्थिति, इनोवेशन व प्रैक्टिस क्लास रूम की संख्या।
  • बच्चों के सीखने की क्षमता में सुधार की स्थिति व प्रशासनिक क्षमता आदि को शामिल किया
  • शिक्षा मंत्रालय ने इसके अमल की तैयारियों के साथ स्कूलों के मानक के लिए प्रारंभिक तौर पर ये मापदंड तय किए हैं।
  • सुरक्षा, मूलभूत ढांचा, सभी विषयों के कक्षावार शिक्षकों की संख्या
  • इस अथॉरिटी के तहत  राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध  सरकारी और निजी स्कूल शामिल होंगे। यह अथोरिटी एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी।

स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी के गठन के बाद विद्यालयों को मानक स्कूल के रूप में स्थापित किया जाने का प्रयास होगा। इसमें सुरक्षा, विद्यालयों का मूलभूत ढांचा, कक्षावार- विषयवार शिक्षकों की निश्चित संख्या, वित्तीय प्रबंधन, नवाचार तथा विद्यार्थियों के लिए अभ्यास के लिए अलग से क्लासरूम की व्यवस्था करना सुनिश्चित किया जाएगा। यह शिक्षा विभाग में क्रांतिकारी कदम के रूप में जाना जाएगा। -महताब सिंह, प्रिंसिपल राउमावि बहादुरपुर

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