सरकारी स्कूलों में अभी 30% कोर्स हुआ, दिसंबर में अर्द्धवार्षिक और मार्च में वार्षिक परीक्षा; नतीजा स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित
पाली। 10वीं और 12वीं कक्षा की अर्द्धवार्षिक परीक्षा दिसंबर में और वार्षिक परीक्षा मार्च में प्रस्तावित है। चौंकाने वाली बात ये है कि ज्यादातर सरकारी स्कूलों में अभी तक 30 फीसदी कोर्स ही पूरा हो सका है। नियमानुसार अब तक 50 फीसदी कोर्स पूरा हो जाना चाहिए था। इससे 10वीं और 12वीं के सीकर जिले के बोर्ड स्टूडेंट्स का परिणाम प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि वे अधूरी तैयारी से परीक्षा देंगे। अब नवंबर का पूरा महीना चुनाव और त्योहारी अवकाश में निकल जाएगा। दिसंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा आ जाएगी और महीने का ज्यादातर हिस्सा परीक्षा और मूल्यांकन में चला जाएगा। एक्सपर्ट के मुताबिक अर्द्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर बोर्ड स्टूडेंट्स की तैयारी और परफॉरमेंस का पता चलता है।
इसके बाद कोर्स पूरा कराने के लिए सिर्फ जनवरी ही बचेगा और इसी एक माह में 50 फीसदी कोर्स पूरा कराना होगा। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी शीशराम कुल्हरी का कहना है कि अतिरिक्त कक्षाएं लेकर पाठ्यक्रम पूरा कराया जाएगा। शनिवार और रविवार को भी मुख्य विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। नवंबर तक तिमाही परीक्षा के नतीजे आ जाते थे। इसके बाद कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लासेज शुरू हो जाती थी। इस बार स्थिति अलग है ।
शिक्षकों को प्रवेशोत्सव, ओलिंपिक व बीएलओ ड्यूटी में लगाया, इसलिए कोर्स अधूरा
प्रवेशोत्सव : 26 जून से शुरू हुआ प्रवेशोत्सव 31 अगस्त तक चला। इस दौरान शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने का अवसर ही नहीं मिला। क्योंकि निदेशालय ने निर्देश दिए थे कि पहला टास्क नामांकन बढ़ाना है। इसलिए शिक्षक इसी में जुटे रहे। ऐसे में करीब दो महीने तक पढ़ाई प्रभावित रही।
युवा महोत्सव : राज्य सरकार का यह अभियान 22 जुलाई से शुरू होकर अगस्त तक चला। इस दौरान जिला व ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रमों के अलावा स्कूलों में विभिन्न आयोजन हुए। इसलिए शिक्षकों को यह जिम्मेदारी भी निभानी पड़ी। इसमें शिक्षकों को ही युवा महोत्सव सफल बनाने की जिम्मेदारी दी। ऐसे में करीब दो महीने तक शिक्षक व्यस्त रहे।
बीएलओ : नामांकन अभियान पूरा होते ही बीएलओ के तौर पर ड्यूटी लगा दी गई। इसमें टीचर्स को मतदान सूची में नाम जोड़ने, युवा वोटर्स को कनेक्ट करने के साथ शतायु, दिव्यांग मतदाताओं के नाम जोड़ने का काम मिला था। इसके अलावा अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में वोटर आईडी वितरित करने का काम भी सौंपा था।
चुनाव ड्यूटी : विधानसभा चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी करीब एक महीने पहले से लगी हुई है। इसके बाद लोकसभा चुनाव की तैयारी होगी। दशहरा की छुट्टी भी रही। इसके बाद अब दीपावली और चुनाव हैं। ऐसे में स्कूलों में छुट्टी रहेगी और लगभग सभी शिक्षक चुनावी ड्यूटी में रहेंगे। स्कूल भवनों में मतदान केंद्र बनेंगे। अब सवाल ये है कि बचा हुआ कोर्स कैसे पूरा हो सकेगा।
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