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मंगलवार, 28 नवंबर 2023

जिला परिषद : 400 लिपिकों को नहीं मिल पाया लाभ, पदोन्नति की अस्थाई सूची नहीं की निरस्त

 


जिला परिषद : 400 लिपिकों को नहीं मिल पाया लाभ, पदोन्नति की अस्थाई सूची नहीं की निरस्त

सरकार से बड़े अफसर, महज दो दर्जन जूनियर लिपिकों को ही लाभ देने के लिए जारी की थी सूची

दूसरे जिलों से पदोन्नति की सूची यहां थी अलग, कर्मचारियों ने सरकार तक पहुंचाया था मामला

अलवर. जिला परिषद के 400 लिपिकों को अभी न्याय नहीं मिला। पदोन्नति सूची में उनके नाम शामिल किए जाने थे लेकिन पूर्व में जारी की गई सूची को निरस्त नहीं किया गया। इस सूची में महज दो दर्जन ही लिपिकों को पदोन्नति दी गई है जबकि ये लिपिक जूनियर हैं। यहां प्रदेश के अन्य जिलों से हटकर पदोन्नति सूची जारी की गई थी। इस सूची को निरस्त कराने के आदेश सरकार ने भी दे दिए लेकिन अफसर इसे मानने को तैयार नहीं। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि अब चुनाव खत्म हो गया है। वह सड़कों पर आएंगे।


पहले पदोन्नति सूची सही जारी की, फिर सितंबर में बदली : पंचायती राज के लिपिकों की एक अस्थायी वरिष्ठता सूची 14 मार्च 2023 को जिला परिषद ने जारी की थी। उस सूची में वर्ष 2013 के लिपिकोें को ऊपर रखा गया था और 2014 के बाबुओं को सूची में नीचे रखा गया था। आपत्तियां 28 मार्च तक मांगी गई थी और विकास अधिकारियों को 31 मार्च तक इसका प्रमाण पत्र देने के लिए कहा गया था। आरोप है कि परिषद ने वर्ष 2014 में लगे लिपिकों को फायदा देने के लिए स्थाई सूची का प्रकाशन 6 महीने तक रोके रखा। 6 महीने बाद सितंबर में फिर से जो अस्थाई सूची जारी की गई है, उसमें जुलाई के सर्कुलर का हवाला दिया गया है। यानी की 6 महीने तक सूची को जुलाई के सर्कुलर आने के इंतजार में रोका गया।


कर्मचारी बोले- अब ढील बर्दाश्त नहीं करेंगे

वर्ष 2013 में चयनित कई लिपिकों में आक्रोश पनपा। वह सरकार के पास जा पहुंचे। पूरा प्रकरण बताया तो सरकार ने इस सूची को निरस्त करने के आदेश दिए लेकिन इस पर अधिकारियों की ओर से गौर नहीं किया गया। हालांकि 12 लिपिकों को पदोन्नति अभी पूरी तरह नहीं दी गई है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब वह ये ढील बर्दाश्त नहीं करेंगे।


इन जिलों की सूची थी सही, पर यहां की गई गलती

नागौर, जोधपुर, बांसवाड़ा, गंगानगर, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर, बाड़मेर, जालौर, झुंझुनूं आदि जिलों ने भी अस्थायी वरिष्ठता सूची जारी की है। इन जिलों ने भी उसी नियम के तहत सूची जारी की है जिस नियम के तहत जिला परिषद अलवर ने जारी की है लेकिन इन सभी जिलों ने वर्ष 2014 की बजाय वर्ष 2013 में चयनित बाबुओं को सीनियर मानते हुए सूची जारी की है। इस संबंध में जिला परिषद के सीईओ कनिष्क कटारिया से संपर्क किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।


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