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गुरुवार, 9 नवंबर 2023

सरकारी स्कूलों में पासबुक से पढ़ा रहे कई टीचर; प्री-बोर्ड में 50% स्टूडेंट्स के भी Ist डिवीजन नहीं



 सरकारी स्कूलों में पासबुक से पढ़ा रहे कई टीचर; प्री-बोर्ड में 50% स्टूडेंट्स के भी Ist डिवीजन नहीं

सीकर ।  सितंबर में बोर्ड द्वारा प्री-टेस्ट लिए गए। इसके परिणाम में सरकारी स्कूल के विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं। प्रदेश के करीब 7 लाख 10वीं के स्टूडेंट्स ने प्री-बोर्ड टेस्ट दिया। इनमें चार लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स फर्स्ट डिवीजन यानि 60 प्रतिशत अंक भी नहीं ला सके। वहीं, 12वीं के पांच लाख स्टूडेंट्स में से तीन लाख स्टूडेंट्स के 60 प्रतिशत से कम अंक हैं।विद्यार्थियों के कम अंक आने का कारण जानने के लिए शिक्षा विभाग ने अक्टूबर में प्रदेश के सरकारी स्कूलों का सर्वे करवाया। इसमें सामने आया कि 10वीं-12वीं के ज्यादातर स्टूडेंट्स पासबुक से पढ़ाई कर बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात ये है।  


कि कई शिक्षक भी पासबुक से पढ़ा भी रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स में सवाल के समझने की जगह रटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए विभाग ने सरकारी स्कूलों में पासबुक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। किसी शिक्षक व विद्यार्थी के पास पासबुक मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। स्टूडेंट्स में विषय की समझ विकसित करने के लिए निदेशक ने पाठ्य पुस्तक व संदर्भ पुस्तकों का ही प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं।


11 दिसंबर से अर्धवार्षिक व मार्च में वार्षिक परीक्षाएं, अभी तक काफी कोर्स बकाया

19 नवंबर तक स्कूलों में छुट्टियां हैं। स्कूल खुलने के साथ ही 11 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। लेकिन अभी भी काफी कोर्स बकाया है। इनकी तैयारियां स्कूल खुलने के साथ ही शुरू हो जाएंगी। बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में हैं। इनकी तिथि अभी तय नहीं है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि परीक्षाओं से पहले शिक्षकों को पासबुक की जगह रोज लेसन तैयार कर स्टूडेंट्स को पढ़ाना चाहिए। इससे विद्यार्थी आसानी से टॉपिक समझ सकेंगे। रिजल्ट में सुधार होने से सरकारी स्कूलों में नामांकन भी बढेगा। शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा के अनुसार शिक्षक क्लास में तैयारी करके आएं। इससे शिक्षक का महत्व व विद्यार्थियों पर शिक्षक का विश्वास बढ़ेगा


सर्वे में पता चला कि बच्चे पासबुक से रटकर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। कई शिक्षक पासबुक से पढ़ाते हैं। सभी डीईओ को इसे तुरंत बंद कराने के निर्देश दिए हैं। विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों से ही पढ़ाया जाएगा। कानाराम, निदेशक, मा. शिक्षा


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