50 हजार शिक्षकों को वेतन के लाले हर तीसरे माह वेतन को तरसते है शिक्षक
प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों की पीड़ा
सीकर. प्रारंभिक शिक्षा में पीडी खाते से वेतन पाने वाले करीब 40 हजार शिक्षकों तथा कार्मिकों को दो माह तो वेतन समय पर मिला लेकिन फिर सितंबर माह का वेतन भी नहीं मिला है। इससे करीब 50 हजार शिक्षक आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं।मामले के अनुसार पीडी खाते से वेतन पाने वाले शिक्षकों तथा कार्मिकों की विडंबना ये है कि उनके वेतन का बजट हर तीन तीन माह से जारी होता है।
इससे उन्हें दो माह तो वेतन समय पर मिलता है लेकिन फिर उन्हें वेतन के लिए तरसना पड़ता है। इन शिक्षक कार्मिकों की समस्या ये है कि किसी ने ऋण ले रखा होता है उनकी समय पर किस्त जमा नहीं होने के कारण उन्हें बैंक को विलंब शुल्क तो देना ही पड़ता है, उनकी नियमित किस्त जमा नहीं होने की वजह से सिबिल भी खराब हो जाती है। इससे भविष्य में उन्हें ऋण मिलने में परेशानी आती है। पीडी खाते से वेतन पाने वालों में प्रारंभिक शिक्षा के 35 हजार शिक्षक, 3850 पैरा टीचर तथा 1100 अन्य कार्मिक शामिल है।
यह है प्रक्रिया
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों द्वारा अपने ब्लॉक के बजट प्रस्ताव समेकित कर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को भेजे जाते है। जब तक ब्लॉक के सभी प्रस्ताव नहीं मिलते ब्लॉक से बजट प्रस्ताव अग्रेषित नहीं किए जा सकते। उसके बाद निदेशालय सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के बजट मांग के प्रस्ताव समेकित करता है। राज्यभर के सभी प्रस्ताव मिलने के बाद ही समेकित प्रस्ताव निदेशालय द्वारा राज्य सरकार को भेजे जाते है, जब तक सभी जिलों के सभी डिमांड नहीं आ जाती तब निदेशालय उन्हें राज्य सरकार को नहीं भेजता।
राज्य सरकार , निदेशालय द्वारा प्राप्त बजट डिमांड को वित्त विभाग को भेजी जाती है, फिर वित्त विभाग द्वारा सीधे ही सबंधित कोषालय को बजट जारी किया जाता है तब कहीं इन कर्मचारियों का वेतन आहरित हो पाता है। इसी जटिल और लंबी प्रक्रिया की वजह से पीडी खाते के कार्मिकों को हर तीसरे माह वेतन के लिए इंतजार करना पड़ता है।
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