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बुधवार, 22 नवंबर 2023

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के शिक्षक परेशान किताबें भी नहीं हैं, परीक्षा से पहले ई-कंटेंट पढ़ाने के आदेश, जिले के 800 से अधिक स्कूलों में कम्प्यूटर ही नहीं

  

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के शिक्षक परेशान किताबें भी नहीं हैं, परीक्षा से पहले ई-कंटेंट पढ़ाने के आदेश, जिले के 800 से अधिक स्कूलों में कम्प्यूटर ही नहीं


 चित्तौड़गढ़ । सरकारी स्कूलों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं से ठीक पहले कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए कम्प्यूटर शिक्षा लागू कर दी गई है। आरएससीईआरटी की सिफारिश पर शिक्षा निदेशक ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। इससे स्कूल प्रबंधन परेशान है। वजह है कि जिले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 800 से अधिक स्कूलों में अनुदेशक तो दूर, कम्प्यूटर तक नहीं हैं। ऐसे में ई-कंटेंट पढ़ाने के आदेश ग्राउंड लेवल पर लागू करना गले की फांस बन गई है।


सरकारी स्कूलों में 11 से 23 दिसंबर तक अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होंगी। इसी तैयारियों में शिक्षा विभाग जुटा हुआ है। इसी दौरान शिक्षा विभाग ने पहली से 8वीं तक संचालित स्कूल प्रशासन और शिक्षकों को कहा है कि इंटरनेट पर उपलब्ध कम्प्यूटर एजुकेशन और अन्य विषयों का कॅटेंट लेकर पढ़ाएं लेकिन हकीकत यह है कि इस आदेश को लागू करना प्रारंभिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में संभव नहीं है। पड़ताल करने पर पाया कि कम्प्यूटर शिक्षण के लिए हर विद्यालय में प्रति कक्षा कम से कम एक कम्प्यूटर सिस्टम पहली जरूरत है।


ऐसे में प्राथमिक विद्यालयों में 5-5 और उच्च प्राथमिक के लिए 8-8 सिस्टम चाहिए। इनके लिए अलग से कमरा भी चाहिए। लेकिन जिले में प्रारंभिक शिक्षा में 1335 स्कूलों में से महज 500 स्कूलों में ही कम्प्यूटर हैं। वे भी करीब 10 साल पुराने या भामाशाहों के सहयोग से लगाए हुए। सरकार ने पहली से 8वीं तक के प्राइमरी, अपर प्राइमरी स्कूलों को कम्प्यूटर मुहैया नहीं कराए। ऐसे में ई-कंटेंट पढ़ाने के आदेश कैसे लागू होंगे।


यह भी प्रावधान किया : 8वीं के लिए 120, पहली कक्षा के 40 घंटे का कोर्स

कम्प्यूटर शिक्षा के लिए पूरे सत्र को कालांश (घंटे में) में बांटा गया है। 8वीं के बच्चों को पूरे सत्र में 120 घंटे पढ़ाना है, जबकि पहली कक्षा के बच्चों के लिए यह पढ़ाई 40 घंटे तय की गई है। दूसरी, तीसरी और चौथी तक 60-60, पांचवीं के लिए 80, जबकि छठी और सातवीं कक्षा के बच्चों को पूरे सत्र में कुल

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