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शनिवार, 18 नवंबर 2023

कागजों में 9854 लेक्चरर पदोन्नत, नौ महीने बाद भी पोस्टिंग नहीं, नतीजा ... स्कूलों में 5 से 7 वाइस प्रिंसिपल

 

कागजों में 9854 लेक्चरर पदोन्नत, नौ महीने बाद भी पोस्टिंग नहीं, नतीजा ... स्कूलों में 5 से 7 वाइस प्रिंसिपल

बीकानेर । शिक्षा विभाग की अजीब व्यवस्थाओं का खामियाजा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग ने 33 साल बाद वाइस प्रिंसिपल का नया कैडर बनाकर फरवरी माह में 9854 लेक्चरर को पदोन्नति कर वाइस प्रिंसिपल बनाया। लेकिन ओहदा और वेतन बढ़ने के बाद भी यह पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल आज भी स्कूलों में व्याख्याता की तरह ही विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। इन पदोन्नत 9854 वाइस प्रिंसिपल को नए स्कूलों में पोस्टिंग नहीं दी गई है। दरअसल, व्याख्याता की सीनियरिटी को लेकर मामला न्यायालय में होने के कारण पिछले 9 माह से इनका पदस्थापन अटका हुआ है। ऐसे में हालात यह है कि कई स्कूलों में तो 5 से 7 वाइस प्रिंसिपल हो गए हैं।   


शिक्षा विभाग ने 17 फरवरी को 9854 व्याख्याताओं को वाइस प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नत किया था। विभाग ने 23 मई से 28 जून तक ऑनलाइन काउंसिलिंग का कार्यक्रम भी निर्धारित किया। लेकिन काउंसिलिंग शुरू होती उससे पहले ही न्यायालय ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी। दरअसल, अंग्रेजी विषय के व्याख्याताओं ने इस संबंध में न्यायालय रहा है। में याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया था कि व्याख्याताओं की वरिष्ठता सूची में नियमों की पालना नहीं की गई। पिछले 50 साल से राज्य सरकार की और से व्याख्याताओं की वरिष्ठता का निर्धारण लोक सेवा आयोग द्वारा जारी नियुक्ति की अनुशंसा तिथि के आधार पर किया जाता रहा है। जबकि इस बार पदस्थापन की तिथि के आधार पर किया गया। जिससे अंग्रेजी विषय के व्याख्याता वरिष्ठता में पिछड़ गए ।


दो उदाहरणों से समझे स्कूलों की स्थिति

केस 1:  राजकीय सादुल स्कूल में 8 व्याख्याता को वाइस प्रिंसिपल पद पर पदोन्नत किया गया। अब तक उनकी नियुक्ति रिक्त पदों के स्कूलों में नहीं की गई है। यह पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल सादुल स्कूल में ही कार्यरत है। ऐसे में इनके प्रमोशन का लाभ दूसरे स्कूलों को नहीं मिल रहा है।


केस - 2: मुरलीधर व्यास नगर स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल से भी चार व्याख्याता वाइस प्रिंसिपल बने हैं। इन पदोन्नत व्याख्याता को भी दूसरी स्कूलों में फिलहाल पदस्थापन नहीं मिला है। पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को उन्हें स्कूलों में लगाया गया है। इनको वाइस प्रिंसिपल के पद का वेतन भी मिल रहा है।


अगले महीने अर्द्धवार्षिक परीक्षा, प्रिंसिपल के भी 5735 पद खाली

अगले महीने अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली है। राज्य के 5735 स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं है। यदि समय पर पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को पोस्टिंग  मिलती तो इन स्कूलों को संस्था प्रधान मिल जाते। अब हालात यह है की प्रमोशन के बाद भी स्कूलों को वाइस प्रिंसिपल नहीं मिल पाए हैं।


पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल की पोस्टिंग को लेकर मामला न्यायालय में प्रक्रिया अधीन है। न्यायालय के निर्णय के बाद आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। -अरविंद व्यास, संयुक्त निदेशक कार्मिक, माध्यमिक शिक्षा


 न्यायालय ने डीपीसी से पोस्टिंग पर रोक नहीं है। पदोन्नति वालों को पोस्टिंग देकर आधे पद भरने का निर्णय लिया जाना चाहिए। महेंद्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक शिक्षक संघ

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