9854 लेक्चरर पदोन्नत, 9 महीने बाद भी पोस्टिंग नहीं,प्रकरण कोर्ट में, अटका पदस्थापन का मामला
डूंगरपुर। शिक्षा विभाग की अजीब व्यवस्थाओं का खामियाजा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग ने 33 साल बाद वाइस प्रिंसिपल का नया कैडर बनाकर फरवरी माह में 9854 लेक्चरर को पदोन्नति कर वाइस प्रिंसिपल बनाया। लेकिन ओहदा और वेतन बढ़ने के बाद भी यह पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल आज भी स्कूलों में व्याख्याता की तरह ही विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। इन पदोत्रत 9854 वाइस प्रिंसिपल को नए स्कूलों में पोस्टिंग नहीं दी गई है। दरअसल, व्याख्याता की सीनियरिटी को लेकर मामला न्यायालय में होने के कारण पिछले 9 माह से इनका पदस्थापन अटका हुआ है।
ऐसे में हालात यह है कि कई स्कूलों में तो 5 से 7 वाइस प्रिंसिपल हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने 17 फरवरी को 9854 व्याख्याताओं को वाइस प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नत किया था। विभाग ने 23 मई से 28 जून तक ऑनलाइन काउंसिलिंग का कार्यक्रम भी निर्धारित किया। लेकिन काउंसिलिंग शुरू होती उससे पहले ही न्यायालय ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी। दरअसल, अंग्रेजी विषय के व्याख्याताओं ने इस संबंध में न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया था कि व्याख्याताओं की वरिष्ठता सूची में नियमों की पालना नहीं की गई। पिछले 50 साल से राज्य सरकार की ओर से व्याख्याताओं की वरिष्ठता का निर्धारण लोक सेवा आयोग द्वारा जारी नियुक्ति की अनुशंसा तिथि के आधार पर किया जाता रहा है। जबकि इस बार पदस्थापन की तिथि के आधार पर किया गया।
पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल की पोस्टिंग को लेकर मामला न्यायालय में प्रक्रिया अधीन है। न्यायालय के निर्णय के बाद आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। -अरविंद व्यास, संयुक्त निदेशक कार्मिक, मा. शिक्षा
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