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बुधवार, 8 नवंबर 2023

अब शिक्षकों के बजाय AI जांचेगी कॉपियां; पहली बार RKSMBK परीक्षा में होगा प्रयोग, पेपर जनरेट से चैकिंग तक के काम होंगे ऑनलाइन



 अब शिक्षकों के बजाय AI जांचेगी कॉपियां; पहली बार RKSMBK परीक्षा में होगा प्रयोग, पेपर जनरेट से चैकिंग तक के काम होंगे ऑनलाइन


कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई से दूरी होने के बाद वे कमजोर हो गए थे। इस कमी को पाटने के लिए शिक्षा विभाग ने री से 8वीं तक के बच्चों की राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम यानी आरकेएसएमबीके माध्यम से ऑनलाइन ओसीआर जनरेट कर परीक्षा ली। शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से पेपर ऑनलाइन ही अपलोड किए गए थे। अब इन कॉपियों को जांच शिक्षक नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी यानी एआई तकनीक के माध्यम से होगा। इसमें कोई गुरुजी न तो अपने चहेते स्टूडेंट पर मेहरबान हो सकेंगे, न ही किसी को कम या ज्यादा नंबर मिलेंगे। जो सवाल पूछे गए उसका ओसीआर में दिए गए चार कोष्ठक में से एक विकल्प में गोला करने पर एआई उस बच्चे की मार्किंग करेगा।


आरकेएसएमबीके की आकलन प्रथम की उ से 5वीं और छठी से 8वीं तक की परीक्षा 30 अक्टूबर से 3 नवंबर तक करवाई गई। सोमवार तक इन कॉपियों को मोबाइल से स्कैन करके ऑनलाइन अपलोड किया गया। अब एआई तकनीक से बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय की कॉपियों की जांच होगी। इसमें किस कक्षा और कौनसा बच्चा, किस विषय में अच्छा और कमजोर है। इसका पता चल जाएगा। एआई द्वारा जांची गई कॉपियों के आधार पर शिक्षक इन बच्चों पर अतिरिक्त मेहनत करके इनका स्तर सुधारेंगे। 100 अंकों की परीक्षा में 3री से 5वीं के बच्चों के लिए 10 नंबर व छठी से 8वीं के लिए पंद्रह नंबर तक की मार्किंग होगी।


पहले से फीड सवालों के जवाब पढ़ बच्चों को नंबर देगी AI तकनीक

एसआईईआरटी उदयपुर द्वारा एआई तकनीक से कॉपियों की जांच कर संबंधित स्कूल को उसकी आई व शाला दर्पण के अनुसार ग्रीन शीट भेजी जाएगी। इसमें हर बच्चे का विषयवार डाटा होगा। रिजल्ट को संबंधित स्कूल को जनरेट करके रिजल्ट शीट में चढ़ाना होगा। शाला दर्पण लॉग इन आईडी को स्कूल के शाला दर्पण पोर्टल पास वर्ड से खोला जाएगा। हर स्कूल के शाला दर्पण पोर्टल के पास वर्ड अलग होते हैं। इसमें जाकर आरकेएसएमबीके कोष्ठक से पेपर अपलोड करके प्रिंट और ओसीआर शीट निकाली गई। इसमें कॉपियां शाला दर्पण के माध्यम ये अपलोड की गई। एसआईईआरटी द्वारा पहले से ही अपने एप में बच्चों से पूछे गए एक सौ सवाल और उनके उत्तर सेट होंगे। जिसको एआई रीड करके बच्चों को नंबर देगा।


पारदर्शिता आएगी:

एडीईओ ओमप्रकाश गहलोत के अनुसार आरकेएसएमबीके बच्चों का स्तर जांचने की परीक्षा है। इसमें पेपर जनरेट से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करने तक का काम ऑनलाइन है। इस पूरे कार्य में पारदर्शिता भी है। नकल का संदेह भी होगा तो एआई पकड़ लेगा

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