मिड डे मिल मैन्यू में बढ़ोतरी की तैयारी; अब सप्ताह में एक दिन बच्चों को इडली का स्वाद भी चखने को मिल सकेगा
चित्तौड़गढ़। मिड डे मिल में बढ़ोतरी की तैयारी हैं। इसके लिए एक प्रस्ताव भी भेजा गया हैं। यदि पारित हुआ तो जिले के 156 स्कूलों के 15 हजार बच्चों को सप्ताह में एक दिन इडली का स्वाद भी चखने को मिलेगा। उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को दिसंबर तक मंजूरी मिल जाएगी। वहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील योजना में उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन में और मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में दूध परोसने को लेकर मिड-डे आयुक्तालय ने एसओपी जारी की है।
जिले में कई स्कूलों में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा पोषाहार सप्लाई किया जा रहा हैं। मशीन से बनने वाली चपाती दोपहर तक लंच होते होते कड़क हो जाती हैं। इसलिए चपाती की जगह अन्य व्यंजन देने के सुझाव कई स्कूलों ने फाउंडेशन को दिए। इन सुझावों में पाया कि सप्ताह में एक दिन चपाती की जगह इडली भी दी जा सकती हैं। इसलिए सप्ताह में एक दिन चपाती के साथ-साथ एक्स में इडली देने का एक प्रस्ताव चित्तौड़ से बनाकर फाउंडेशन के मुख्यालय भेजा हैं।
उम्मीद है कि बच्चों के हित में इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलेंगी तो पूरे प्रदेश में सप्ताह में एक दिन बच्चों को इडली स्वाद चखने को नए साल से मिलेगा। वहीं दूसरी और सरकारी स्तर पर गाइडलाइन में भोजन की गुणवत्ता और पौष्टिकता पर विशेष फोकस रखने के साथ ही साफ सफाई तथा शुद्ध और ताजे भोजन व दूध पर मिड डे मिल आयुक्तालय ने जोर दिया गया है
शिकायत मिलते ही जांच के साथ सख्त कार्रवाई होगी
मील योजना और मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत लाखों को भोजन और दूध उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन इन दोनों में ही धांधली और लापरवाही की शिकायतें आती रहती हैं। इस मामले को मिड डे मिल आयुक्त ने गंभीरता से लिया हैं। प्रदेश के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी, पीईईओ और समस्त विद्यालयों के संस्था प्रधानों संस्था के मिड-डे मील प्रभारी को गाइडलाइन के तहत ही भोजन व परोसने के आदेश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने वाले कार्मिक एवं अधिकारी के खिलाफ तत्काल एक्शन के लिए भी कहा गया हैं।
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