आचार संहिता ने अटकाई सात हजार नियुक्तियां
फिर चुनाव आयोग से मांगा मागर्दशन
बीकानेर . चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही नव चयनित तकरीबन सात हजार शिक्षकों की जॉइनिंग अटक गई है। इससे उन्हें वरिष्ठता का नुकसान भी उठाना होगा। साथ ही प्रोबेशन पीरियड भी अब देरी से पूरा होगा। आर्थिक नुकसान तो तय ही है। शिक्षा विभाग में अगस्त से नौ अक्टूबर तक थर्ड ग्रेड से लेकर प्रथम ग्रेड तक के नव चयनित शिक्षकों की काउंसलिंग हुई थी। इस दौरान पहले राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की काउंसलिंग की गई थी।
इनके दस्तावेजों की जांच कर उन्हें नियुक्ति पत्र के साथ स्कूलों में पदस्थापन भी कर दिया गया था। लेकिन स्वास्थ्य प्रमाण पत्र एवं पुलिस सत्यापन में समय लग गया। इस दौरान चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। नतीजे में नियुक्ति अटक गई। गौरतलब है कि पूरे राज्य में करीब 35 हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों ने तो आचार संहिता लागू होने से पहले कार्यभार ग्रहण कर लिया था। अब शेष रहे शिक्षकों को नई सरकार के गठन के बाद ही नौकरी मिल सकेगी।
16 विषयों के व्याख्याताओं को भी इंतजार : थर्ड ग्रेड शिक्षकों के अलावा माध्यमिक स्कूलों के लिए 16 विषयों के तकरीबन छह हजार व्याख्याताओं की नियुक्ति होनी थी। उन्हें भी मेडिकल तथा पुलिस वैरिफिफेशन का समय देकर 27 अक्टूबर तक कार्य ग्रहण करने की गाइड लाइन जारी की गई थी। लेकिन इससे पहले 9 अक्टूबर को ही आचार संहिता लागू होने से जॉइनिंग नहीं हो पाई। इतिहास एवं भूगोल के लिए 1691 पदों पर काउंसलिंग तो लगभग पूरी भी हो चुकी है।
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