शाला दर्पण में ऑनलाइन पद खाली आ रहे, लेकिन अधिशेष शिक्षकों के वेतन की रिक्वेस्ट भेजी तो भरे मिले, अब दो माह से वेतन अटका
जोधपुर । राउमा विद्यालय में क्रमोन्नत हुई स्कूलें और महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम के अधिकतर शिक्षकों को दूसरी स्कूलों में रिक्त पद नहीं होने सेना वेतन ना एरियर मिल रहा है। ये हाल सितंबर माह से चल रहा है, जबकि दिवाली का पर्व नजदीक आ चुका है। गंभीर बात यह है कि कई स्कूलों में शाला दर्पण मॉड्यूल में पद रिक्त बता रहा है और जब संबंधित स्कूल का संस्था प्रधान रिक्त पद से अपने शिक्षक के वेतन के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसको वेतन ही नहीं मिल पा रहा है।
यही नहीं इस ऑनलाइन गड़बड़ी के चलते एक खाली पद के लिए दो से तीन शिक्षकों तक ने आवेदन कर दिए है। इधर, अब शिक्षकों के लिए होम, वाहन और अन्य बैंक ऋण की किस्तें भरना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल, सीनियर सैकंडरी में स्कूलें क्रमोन्नति और एमजी इंग्लिश मीडियम स्कूलें खोलने के बाद जो शिक्षक अधिशेष हुए उन्हें इधर-उधर स्कूलों में लगाया गया। दूसरी ओर नई भर्ती से आएं तृतीय व द्वितीय श्रेणी शिक्षकों ने नए पदस्थापन स्थान पर पदभार ग्रहण कर लिया। इससे रिक्त पद भर गए।
अब अधिशेष होने वाले शिक्षकों की वेतन की व्यवस्था जोधपुर शहर या फिर अन्य ब्लॉक में रिक्त पद से करवाने के लिए शाला दर्पण मॉड्यूल पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई। जो संबंधित यूसीईओ या पीईईओ द्वारा डीईओ मुख्यालय के मार्फत रिक्त पद वाले स्कूल में आवेदन भेजे जा रहे है, लेकिन जिन स्कूलों में आवेदन भेजे गए। वहां ऑनलाइन पद तो रिक्त बता रहा है, लेकिन नई जॉइनिंग के कारण पुराने शिक्षकों का वेतन नहीं बन रहा है।
शिक्षकों के जॉइन नहीं करने से खाली दिख रहे पद
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के उप सभाध्यक्ष परसराम तिवाड़ी का कहना है कि इन शिक्षकों के वेतन का आदेश डीईओ करेगा, कई जगहों पर नए शिक्षकों के कार्यग्रहण करने से वहां पद रिक्त नहीं रहे। कई स्कूलों ने अभी तक नए शिक्षकों की ऑनलाइन जॉइनिंग दिखाई नहीं। इससे पद खाली दिखाई दे रहे हैं, जबकि हकीकत में पद खाली नहीं है। इस कारण से आदेश होने के बाद भी शिक्षकों का वेतन नहीं बन पा रहा है।
इस समस्या का निदान होना चाहिए। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उप सभाध्यक्ष रूपाराम रलिया व जिला मंत्री सुभाष विश्नोई के अनुसार त्यौहारों की सीजन में भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से उनके सामने दिक्कतें खड़ी हो गई है। इसके लिए विभाग को विकल्प तलाशना चाहिए।
इनके अटके वेतन: राजकीय महात्मा गांधी स्कूल झोपासनी के वीरेंद्र व अमित, एमजी स्कूल मंडलनाथ की नीता मुथा, एमजी स्कूल देसूरिया की मनीषा, स्नेहलता व वर्षा, राउमावि शहीद लालसिंह खींची करवड़ के भूपेश नेहरा, हीरा सोलंकी, सुनीता, उमावि लालसिंह कॉलोनी 5वीं रोड व महात्मा गांधी स्कूल के गोपाल सिंह व निर्मला सहित अनेक शिक्षकों का वेतन अटका है।
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