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शनिवार, 18 नवंबर 2023

विद्यार्थियों को कहानियां पढ़ने व प्रभावी ढंग से लिखना सिखने का मिलेगा मंच,माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सीबीएसई रीडिंग मिशन की शुरूआत



 विद्यार्थियों को कहानियां पढ़ने व प्रभावी ढंग से लिखना सिखने का मिलेगा मंच,माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सीबीएसई रीडिंग मिशन की शुरूआत

भीलवाड़ा । केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से छात्र-छात्राओं में पढ़ने और लिखने की आदतों को सुविधाजनक बनाने के लिए सीबीएसई रीडिंग मिशन की शुरूआत की गई है। इस अभियान के तहत उभरते हुए लेखकों के आवेदन मांगे गए हैं। अभियान का उद्देश्य है कि छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार की कहानियां पढ़ने और प्रभावी ढंग से लिखना सिखाने के लिए मंच प्रदान किया गया है, ताकि छात्र-छात्राओं की ओर से लिखी गई कहानियां और रचनाओं का प्रकाशन किया जा सके।


स्कूली मेल पर मिलेगा प्रमाण-पत्र

स्कूलों में लेखक तैयार करने और छात्र- छात्राओं में आत्मविश्वास पैदा करना इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य है। वहीं स्कूली स्तर पर छात्र-छात्राओं के अनुभवों को अपनी कलम के माध्यम से उकेरने के बाद चयन की गई प्रविष्टियां को अंतिम रूप देने के लिए संपादकीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसमें बोर्ड पूरा सहयोग करेगा। इसमें चयनित छात्र-छात्रा की प्रविधियों के लिए लॉगिन और पासवर्ड दिया जाएगा। उसके चाद अंतिम चरण में बनाई गई लघु कहानी को सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने वाले सभी छात्रों को स्कूल की मेल आईडी पर ऑनलाइन प्रमाण पत्र दिया जाएगा।


इस तरह रहेंगे कार्यक्रम के चरण

यह कार्यक्रम स्कूल स्तर पर किया जाएगा। इसकी समय रेखा ७० नवम्बर तक रहेगी। इस चरण का कूल में होगा। छात्र-स्कूल स्तर परही अंग्रेजी और हिंदी में लघु कहानियां बनाएंगे और लिखेंगे। इसके लिए छात्र को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। इसमें छात्रों की प्रविधियों का मूल्यांकन पूरा करके दो छात्रों को सॉर्टस्ट किय जाएगा। वहीं दूसरे चरण की समय सीमा एक दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक रहेगी। इसमें स्कूल की ओर से बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर शॉटलिस्ट छात्रों को पंजीकृत किया जाएगा। इसमें प्रत्येक स्कूल से अधिकतम 6 छात्रों का पंजीयन किया जा सकता है। नोडल अधिकारी पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।

इस प्रकार से रहेगी 


वर्ग----------शब्द सीमा

कक्षा 5-6----500 से 600

कक्षा 7-8----600 से 900

कक्षा 9-10----1000 से 1500



छात्र-छात्राओं की ओर से स्वयं कल्पना करके कहानियों की रचना की जाएगी। इन कहानियों का समाज को संदेश देना होगा। इसके लिए स्कूल स्तर पर ही छात्रों को मंच दिया जा रहा है-योगेश पारीक, जिला शिक्षा अधिकारी, भीलवाड़ा

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