
अटकी डिजिटल लाइब्रेरी शुरू करने की प्रक्रिया
जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्षों से बंद पड़ी डिजिटल लाइब्रेरी का विवाद तो निपटा लिया गया है, लेकिन आचार संहिता के कारण इसके डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया अटक गई है। ऐसे में अब दिसंबर में आचार संहिता के बाद ही लाइब्रेरी का डिजिटाइजेशन शुरू होगा। संभवतया नए साल में ही लाइब्रेरी की सौगात छात्रों को मिल सकेगी।
यूनिवर्सिटी में करीब दो साल से लाइब्रेरी बनकर तैयार है। आपसी खींचतान से उपजे विवाद के कारण डिजिटल लाइब्रेरी को अभी तक शुरू नहीं किया गया है। पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों लाइब्रेरी का शुभारंभ करा दिया गया, लेकिन आज तक यह छात्रों को नसीब नहीं हुई है। दरअसल, लाइब्रेरी को लेकर विवाद बना हुआ है।इसे सुलझाने के लिए गत 18 अक्टूूबर को विभागाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में विवाद का पटाक्षेप कर दिया गया।
पूर्व अध्यक्ष ने भी किया था वादा
गौरतलब है कि पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने अध्यक्ष बनने के बाद लाइब्रेरी को शुरू कराने की घोषणा की थी। लाइब्रेरी शुरू नहीं होने तक पदभार ग्रहण नहीं करने की भी घोषणा की थी। गत वर्ष सीएम से लाइब्रेरी का शुभारंभ करा दिया। आज तक इसे छात्रों के लिए नहीं खोला गया। करीब 12 करोड़ रुपए की लागत से लाइब्रेरी भवन का निर्माण कराया गया है।
लाइब्रेरी को लेकर कुछ विवाद बना हुआ है, जिसे निपटा लिया गया है। लेकिन डिजिटाइजेशन करना है, इसके लिए संसाधनों की खरीद करनी है। लेकिन आचार संहिता में यह नहीं कर सकते। आचार संहिता के बाद इसे पूरा कर लिया जाएगा।-अल्पना कटेजा, कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय
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