‘सांस’ अभियान से करेंगे बच्चों को निमोनिया के प्रति जागरूक
सीकर. प्रदेश में निमोनिया के कारण होने वाली शिशु मृत्य दर कम करने के लिए चिकित्सा विभाग ने कवायद शुरू की है। इसके लिए विभाग की ओर से प्रदेश भर में सांस अभियान चलाया जाएगा।28 फरवरी तक चलने वाले अभियान को लेकर निमोनिया की पहचान करने के लिए देखभालकर्ता को जागरूकता लाई जाएगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से निमोनिया के मिथकों व धारणाओं के बारे में व्यवहार परिवर्तन करना है। चिकित्सा संस्थानों में निमोनिया नहीं तो बचपन सही के स्लोगन के साथ जनजागरूकता गतिविधियां की जा रही है।
निमोनिया नहीं तो बचपन सही
सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि प्रदेश में हजारों बच्चे हर साल निमोनिया से संक्रमित हो जाते है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु अन्य संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु की तुलना में काफी अधिक है। निमोनिया के कारण मृत्यु दर में गरीबी से जुडे कारक जैसे कि कुपोषण सुरक्षित पेयजल की कमी और स्वच्छता एवं स्वास्थ्य देखभाल मुख्य है। निमोनिया से होने वाली लगभग आधी मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी है।
स्टाफ को करेंगे प्रशिक्षित
अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है। जिला शिशु व प्रजनन अधिकारी डॉ. छोटेलाल ने बताया कि बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग अधिकारियों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। पीएचसी, सीएचसी, उप जिला अस्पताल व जिला अस्पताल में अभियान के तहत इनडोर में उपचार के लिए निमोनिया से ग्रसित बच्चों के लिए बेड आरक्षित किए गए है।
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