आचार संहिता के चलते बेटियों की साइकिल का चक्का जाम, आदेश का इंतजार
हनुमानगढ़. आचार संहिता के चलते बेटियों की साइकिलों का चक्का जाम हो गया है। दो साल से साइकिलों का इंतजार कर रही सरकारी पाठशालाओं की बालिकाओं विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण साइकिलों के लिए अभी और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। हालांकि सभी जिलों में नोडल स्कूलों पर आचार संहिता लगने से पहले ही साइकिलें पहुंच गई थी।
अनुबंधित कंपनी नोडल स्कूलों पर साइकिलों की असेम्बलिंग कर स्कूलों में इनका वितरण शुरू करती। मगर चुनाव आचार संहिता लगने के कारण विद्यालयों में साइकिलों के वितरण की प्रक्रिया थम गई। शिक्षा अधिकारी साइकिल वितरण को लेकर निदेशालय के आदेश की प्रतीक्षा में हैं। हालांकि यह कोई नई योजना नहीं है। एक दशक से अधिक समय से नियमित चल रही है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग आचार संहिता के पचड़े नहीं पड़ना चाहता। इसलिए चुनावों के बाद ही बालिकाओं को साइकिल मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ बरस से प्रतीक्षा कर रही प्रतीक्षा कर रही सरकारी पाठशालाओं की बालिकाओं को इसी महीने की शुरुआत में साइकिलों का वितरण शुरू हुआ था। शिक्षा विभाग की ओर से अनुबंधित फर्म ने सभी जिलों के नोडल स्कूलों पर साइकिलें पहुंचानी प्रारंभ कर दी गई थी। हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित नोडल केन्द्र राउमावि संगम में साइकिलें लेकर ट्रक पहुंचा था। जिले के अन्य नोडल पर भी साइकिलें पहुंचा दी गई थी।
हो जाएंगी दो कक्षा पार
योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत (कई अन्य विशेष श्रेणी भी है) कक्षा नौवीं की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिलें दी जाती हैं ताकि वे आसानी से स्कूल आवागमन कर सके। मगर इस बार कक्षा नौंवीं के साथ दसवीं की छात्राओं को भी साइकिलें वितरित की जाएंगी। दरअसल, पिछले शिक्षा सत्र में कक्षा नौंवीं की छात्राओं को साइकिलें वितरित नहीं की गई थी। इसलिए इस बार शिक्षा सत्र 2022-23 की छात्राओं जो अब दसवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं, उनको साइकिलें दी जाएंगी। साथ ही मौजूदा शिक्षा सत्र 2023-24 में कक्षा नौंवीं में अध्ययनरत बालिकाओं को भी साइकिलों का वितरण किया जाएगा। यह शिक्षा सत्र भी जब तक साइकिलें वितरित होंगी, तब तक आधे से ज्यादा बीत जाएगा। मतलब 2022-23 की जिन छात्राओं को कक्षा नौवीं में साइकिलें मिलनी थी, उनको तब साइकिलें मिल सकेंगी जब वे ग्यारहवीं कक्षा में होने वाली होंगी।
लाखों कर रही इंतजार
पिछले शिक्षा सत्र में कक्षा नौवीं की प्रदेश भर में करीब साढ़े तीन लाख छात्राएं थी, जो अब दसवीं में आ चुकी हैं। नौवीं में भी छात्राओं का नामांकन साढ़े तीन लाख से अधिक हुआ है। इस तरह प्रदेश भर में तकरीबन सात लाख बालिकाओं को साइकिलें वितरित की जानी हैं। जिले की बात करें तो बारह हजार से अधिक छात्राओं को साइकिलें वितरित की जाएंगी।
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